🕒 Published 5 months ago (12:15 PM)
नागपुर में हिंसा बेकाबू:
इस वाक्य ने शहर को हिला दिया है। नागपुर के महल इलाके में हुई हिंसक घटना ने शहर में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। सोमवार शाम 7:30 बजे से शुरू हुई हिंसा ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 11 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
हिंसा की शुरुआत और उसके कारण:
नागपुर में हिंसा की शुरुआत औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र को जलाने से हुई। विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा किए गए इस प्रदर्शन के दौरान प्रतीकात्मक रूप से औरंगजेब की कब्र को जलाया गया। इस घटना का वीडियो वायरल होते ही नागपुर के महल इलाके में अचानक तनाव फैल गया और लोग हिंसक हो उठे।
इस हिंसा के दौरान पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं होने लगीं। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिसकर्मी भी इसके निशाने पर आ गए। नागपुर में हिंसा बेकाबू हो गई, जिसमें 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें 3 DCP भी शामिल हैं। उपद्रवियों ने 12 बाइक, कई कारें और एक JCB को आग के हवाले कर दिया।
कर्फ्यू के बीच पुलिस की कार्रवाई:
नागपुर में हिंसा की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और 50 लोगों को दंगे के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद शहर के 11 संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया। इनमें गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
इस बीच, शहर के अन्य इलाकों में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, खासकर मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में।
औरंगजेब की कब्र के पास सुरक्षा बढ़ी:
नागपुर में हिंसा के बाद संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र के पास भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कब्र की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है और आने-जाने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है। यहां आने वाले पर्यटकों के नाम, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड की जांच की जा रही है।
इस सुरक्षा के बावजूद, लोगों में तनाव बना हुआ है। औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र को जलाने की घटना के बाद से स्थिति बेहद संवेदनशील हो गई है और पुलिस हर संभावित खतरे को नजर में रखते हुए सख्त कदम उठा रही है।
प्रशासन और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने विधानसभा में बताया कि नागपुर में हुई हिंसा को लेकर 5 FIR दर्ज की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कुल्हाड़ी के हमले से घायल हुए DCP निकेतन कदम से वीडियो कॉल पर बात की और उनकी स्थिति का जायजा लिया।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने पुलिस और प्रशासन से स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने के निर्देश दिए हैं।
हिंसा के पीछे की साजिश:
नागपुर में हिंसा बेकाबू होने के पीछे की साजिश की भी जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह हिंसा अचानक नहीं भड़की, बल्कि इसके पीछे एक सोची-समझी योजना थी। वीडियो वायरल होते ही उपद्रवियों ने मौका पाकर शहर के विभिन्न इलाकों में अशांति फैलानी शुरू कर दी।
प्रभावित इलाके और नुकसान:
नागपुर में हिंसा के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका महल और उसके आसपास के इलाके रहे। यहां 50 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। घरों और दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई।
इस हिंसा के दौरान 5 आम लोग भी घायल हुए, जिनमें से एक व्यक्ति की हालत गंभीर है और उसे ICU में भर्ती कराया गया है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई:
पुलिस ने उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया। इसके बावजूद, नागपुर में हिंसा बेकाबू बनी रही और शहर के कई हिस्सों में तनाव फैलता रहा।
रात के समय, ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में भी झड़पें हुईं, जहां पुलिस और उपद्रवियों के बीच मुठभेड़ हुई।
आगे की स्थिति:
नागपुर में हिंसा के बाद स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए कर्फ्यू को कड़ाई से लागू किया है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रशासन की ओर से लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है, लेकिन हालात अभी भी सामान्य नहीं हो पाए हैं।
नागपुर में हिंसा बेकाबू होने के बाद से शहर में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। लोगों में गुस्सा और नाराजगी है, वहीं प्रशासन भी पूरी कोशिश कर रहा है कि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके।
इस घटना ने पूरे नागपुर को हिला कर रख दिया है और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर ऐसी हिंसा को कैसे रोका जा सकता है। वहीं, दूसरी ओर, औरंगजेब की कब्र के आसपास की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर इस कब्र को लेकर इतना विवाद क्यों होता रहा है।
निष्कर्ष:
नागपुर में हिंसा बेकाबू होने की यह घटना एक गहरी चिंता का विषय है। जहां एक ओर लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वहीं प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि शहर में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि प्रशासन इस हिंसा पर कैसे नियंत्रण पाता है और क्या औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे या नहीं।
फिलहाल, नागपुर में हालात बेहद संवेदनशील बने हुए हैं और यह उम्मीद की जा रही है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।
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