पीएम मोदी को मिला ‘धर्म चक्रवर्ती’ सम्मान, आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह की हुई भव्य शुरुआत

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By Hindustan Uday

🕒 Published 1 month ago (5:54 PM)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जैन धर्म के महान संत और समाज सुधारक आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर पीएम मोदी को ‘धर्म चक्रवर्ती’ की प्रतिष्ठित उपाधि से सम्मानित किया गया। विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने आचार्य श्री की स्मृति में विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन बेहद पावन है, क्योंकि 28 जून 1987 को आचार्य विद्यानंद मुनिराज को ‘आचार्य’ की उपाधि प्रदान की गई थी। पीएम ने कहा, “यह उपाधि केवल एक सम्मान नहीं थी, बल्कि एक ऐसी पवित्र धारा की शुरुआत थी, जिसने जैन संस्कृति को विचार, संयम और करुणा से जोड़ा। आज जब हम उनकी 100वीं जयंती मना रहे हैं, तो यह हमें उस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाता है।”

22 अप्रैल 2026 तक चलेगा शताब्दी समारोह

यह शताब्दी समारोह आचार्य विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है, जो 22 अप्रैल 2026 तक चलेगा। एक साल तक चलने वाले इस महोत्सव के अंतर्गत देशभर में विभिन्न सांस्कृतिक, साहित्यिक, शैक्षिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस समारोह का आयोजन भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट के सहयोग से किया गया है। यह आयोजन राष्ट्रीय श्रद्धांजलि समारोह की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य आचार्य विद्यानंद जी महाराज के जीवन, कार्य और विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करना है।

आध्यात्म, दर्शन और समाज सेवा के प्रतीक रहे आचार्य विद्यानंद

आचार्य विद्यानंद जी महाराज को जैन धर्म में एक विद्वान, समाज सुधारक और आध्यात्मिक प्रकाशस्तंभ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने प्राकृत, जैन दर्शन और शास्त्रीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए असाधारण योगदान दिया। उनके द्वारा लिखी गई 50 से अधिक पुस्तकें आज भी नैतिकता, दर्शन और जीवन मूल्यों का प्रेरणास्त्रोत हैं।

इसके अलावा उन्होंने देशभर में अनेक प्राचीन जैन मंदिरों के जीर्णोद्धार और पुनरुद्धार में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई। उनके द्वारा किए गए कार्य न केवल जैन समुदाय बल्कि समूचे भारतीय समाज के लिए प्रेरणास्पद हैं।

समारोह का उद्देश्य

शताब्दी समारोह का उद्देश्य न केवल आचार्य विद्यानंद जी महाराज की स्मृति को जीवंत बनाए रखना है, बल्कि उनके द्वारा दिए गए संयम, करुणा और नैतिकता के संदेश को जन-जन तक पहुँचाना भी है। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों को उनके जीवन मूल्यों से जोड़ने का एक पवित्र प्रयास है।

आचार्य विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती पर शुरू हुआ यह समारोह भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और सामाजिक समरसता को समर्पित एक प्रेरणादायक यात्रा की शुरुआत है।

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