Operation Sindoor: भारत की दोहरी रणनीति से चीन और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश

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By Hindustan Uday

🕒 Published 2 weeks ago (10:50 AM)

नई दिल्ली। भारत की सैन्य तैयारियां अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी हैं।
हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह से “ऑपरेशन सिंदूर” को लॉन्च किया है, उसने पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को भी सख्त संकेत दे दिया है कि अब आतंकवाद या सीमा पर किसी भी दुस्साहस को सहन नहीं किया जाएगा। इस सैन्य कार्रवाई ने न सिर्फ पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया बल्कि चीन को भी बता दिया कि भारत अब केवल जवाब नहीं देता, बल्कि पहले से तैयारी करके चलता है।

तैनात हुआ अपग्रेडेड आकाश-प्राइम
भारत ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप आकाश एयर डिफेंस सिस्टम के अपग्रेड वर्जन “आकाश प्राइम” को तैनात कर दिया है। यह वर्जन पहले की तुलना में अधिक तेज और सटीक है, जिसकी रेंज अब 25 से 30 किलोमीटर तक पहुंच गई है। इसमें बेहतर ट्रैकिंग, रिएक्शन टाइम और सटीकता के फीचर्स शामिल किए गए हैं। विशेषज्ञ इसे भारत की आक्रामक रक्षा नीति का हिस्सा मान रहे हैं, खासतौर पर तब जब चीन ने एलएसी के पास अपने एयरबेस और रडार को एक्टिव कर दिया है।

पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का परीक्षण – शक्ति प्रदर्शन
17 जुलाई 2025 को भारत ने ओडिशा तट पर स्थित परीक्षण रेंज से दो महत्वपूर्ण बैलिस्टिक मिसाइलों, पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया। पृथ्वी-2 मिसाइल की रेंज 350 किलोमीटर है, जबकि यह लगभग 500 किलो तक का पेलोड ढो सकती है। वहीं अग्नि-1 मिसाइल की रेंज 700 से 900 किलोमीटर के बीच है और यह 1000 किलो तक का वॉरहेड ले जाने में सक्षम है। यह परीक्षण पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए टकराव के कुछ ही सप्ताह बाद किया गया है, जिसे एक कड़ा जवाब माना जा रहा है।

रणनीतिक संतुलन की नई तस्वीर
भारत की इस दोहरी तैयारी – एक ओर लद्दाख में एयर डिफेंस तैनाती और दूसरी ओर मिसाइलों का सफल परीक्षण – केवल जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक सैन्य रणनीति का संकेत है। इसका मकसद है न सिर्फ सीमाओं की रक्षा करना, बल्कि भविष्य में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना।

ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर समाप्त नहीं हुआ, केवल उसकी गति थोड़ी धीमी पड़ी है। भारत ने शांति की बात तो स्वीकार की है, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

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