🕒 Published 1 month ago (9:25 PM)
बरसात का मौसम अपने साथ ठंडक और ताजगी तो लाता है, लेकिन साथ ही कई स्वास्थ्य समस्याएं भी खड़ी कर देता है। खासकर जोड़ों का दर्द इस मौसम में बहुत आम हो जाता है, जो कि बुजुर्गों और गठिया (Arthritis) से पीड़ित लोगों को खासतौर पर प्रभावित करता है।
नमी और तापमान में गिरावट के कारण जोड़ों की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं, जिससे दर्द, सूजन और जकड़न महसूस होती है। ऐसे में अगर आप दवाओं से बचना चाहते हैं तो कुछ आसान घरेलू उपाय और सावधानियां आपकी मदद कर सकती हैं। आइए जानते हैं कि क्यों बढ़ता है यह दर्द और इससे कैसे राहत पाई जा सकती है।
क्यों बढ़ता है जोड़ों का दर्द बारिश में?
1. वातावरण में नमी और तापमान में गिरावट:
बारिश में ठंड और नमी बढ़ जाती है, जिससे मांसपेशियां सख्त और स्नायु सिकुड़ने लगते हैं। यह प्रक्रिया जोड़ों को प्रभावित करती है और उनमें दर्द व जकड़न होने लगती है।
2. ब्लड सर्कुलेशन में कमी:
ठंड में शरीर का रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे जोड़ों तक पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते।
3. पुरानी चोटें और गठिया:
बारिश के मौसम में पुरानी चोटें, फ्रैक्चर या गठिया की समस्याएं दोबारा उभर जाती हैं।
4. पाचन तंत्र कमजोर होना:
बरसात में डाइजेशन धीमा हो जाता है, जिससे शरीर में टॉक्सिन इकट्ठा होते हैं और सूजन बढ़ती है।
5. शारीरिक गतिविधि की कमी:
बारिश के कारण लोग कम चलते-फिरते हैं जिससे जोड़ों की गतिशीलता घटती है और दर्द बढ़ जाता है।
जोड़ों के दर्द के घरेलू उपाय
1. हल्दी वाला दूध:
हल्दी में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। रोज रात को एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। इससे सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
2. सरसों या नारियल तेल से मालिश:
हल्के गर्म तेल से जोड़ों की मालिश करने से रक्त संचार बेहतर होता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है।
3. गर्म पानी से सेंक:
गर्म पानी की बोतल या हॉट वॉटर बैग से जोड़ों पर सेंक करने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
4. अदरक और लहसुन का सेवन:
ये दोनों एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्वों से भरपूर हैं और गठिया के दर्द में राहत दिलाने में मदद करते हैं।
5. हल्की एक्सरसाइज और योग:
बारिश के मौसम में हल्की स्ट्रेचिंग, वज्रासन, त्रिकोणासन या भुजंगासन जैसे योगासन अपनाएं। इससे जोड़ों की गति बनी रहती है और लचीलापन भी आता है।
6. आंवला और त्रिफला का सेवन:
आंवला और त्रिफला पाचन को बेहतर करते हैं, शरीर से टॉक्सिन निकालते हैं और हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
बचाव के लिए ध्यान रखें ये बातें
ठंडी और नमी वाली जगह से बचें: जितना हो सके, खुद को गर्म और सूखा रखें।
हाथ-पैरों को ढंक कर रखें: गर्म मोज़े, दस्ताने, या गर्म पट्टी का प्रयोग करें।
संतुलित और सुपाच्य भोजन लें: मूंग दाल, हरी सब्जियां, घी, और हल्का भोजन लें।
पर्याप्त पानी पिएं: बारिश में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है।
जोड़ों पर अधिक भार न डालें: भारी सामान उठाने से बचें और अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही काम करें।