करप्शन केस में फंसे IAS अभिषेक प्रकाश को किया गया निलंबित, विजिलेंस टीम करेगी उनके खिलाफ पूरी संपत्ति की जांच

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By Ankit Kumar

🕒 Published 5 months ago (5:27 AM)

उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया है। अब इस मामले की विजिलेंस जांच भी की जाएगी, जिसमें उनकी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन का पूरा ब्यौरा खंगाला जाएगा।

विजिलेंस करेगी गहन जांच

अभिषेक प्रकाश की विभिन्न तैनाती स्थलों जैसे बरेली, पीलीभीत, हमीरपुर और लखनऊ में अर्जित संपत्तियों की गहन जांच की जाएगी। लखनऊ के जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत रहते हुए वे लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के उपाध्यक्ष (VC) भी थे। ऐसे में विजिलेंस टीम इन सभी स्थानों पर उनकी संदेहास्पद संपत्तियों और लेन-देन की पड़ताल करेगी।

गुरुवार को हुआ निलंबन

राज्य सरकार ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के पद पर कार्यरत अभिषेक प्रकाश को अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण गुरुवार को निलंबित कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए विजिलेंस जांच के आदेश जारी किए।

बिचौलिये निकंत जैन गिरफ्तार

मामले में शामिल बिचौलिये निकंत जैन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। सौर उद्योग से जुड़े एक निवेशक की शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें निवेशक ने आरोप लगाया कि निकंत जैन ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ में उनकी परियोजना को मंजूरी दिलाने के लिए अभिषेक प्रकाश के नाम पर कमीशन की मांग की थी। पुलिस ने गुरुवार को निकंत जैन को गोमती नगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया।

रिश्वत मांगने का आरोप

प्राथमिकी के अनुसार, एक औद्योगिक समूह ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ के माध्यम से राज्य में सौर विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए आवेदन किया था। मामले की समीक्षा के बाद आवेदक को निकंत जैन से संपर्क करने के लिए कहा गया। आरोपों के मुताबिक, निकंत जैन ने पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की और अग्रिम भुगतान का दबाव बनाया। जब निवेशक ने इनकार किया, तो उसे चेतावनी दी गई कि बिना मदद के परियोजना आगे नहीं बढ़ेगी।

निकंत जैन पर पहले से दर्ज हैं मामले

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, निकंत जैन पहले भी धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों में शामिल रहा है। मेरठ, लखनऊ और एटा में उसके खिलाफ कई मामले लंबित हैं। पुलिस अब उसके अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में संभावित संलिप्तता की जांच कर रही है और उसके संपर्कों को खंगाल रही है।

सरकार की सख्ती और निवेशकों का भरोसा

उत्तर प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि निवेशकों को किसी भी तरह की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनकी परियोजनाओं को निष्पक्ष तरीके से मंजूरी दी जाएगी। यह कार्रवाई सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त निवेश तंत्र की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।

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