🕒 Published 4 weeks ago (11:30 AM)
कोलकाता: सोचिए, आपने अपनी पत्नी को शादी की सालगिरह पर एक महंगा मोबाइल फोन तोहफे में दिया हो. फोन पूरी तरह नया, डिब्बे में बंद और बिल समेत खरीदा गया हो. लेकिन कुछ हफ्तों बाद अचानक आपके घर पुलिस आ जाए और कहे कि “इस फोन से कोई बड़ा साइबर अपराध हुआ है!” सुनकर आप स्तब्ध रह जाएंगे. ऐसा ही एक मामला सामने आया है कोलकाता के साल्ट लेक इलाके से, जहां एक वकील की जिंदगी इस अजीब घटनाक्रम में उलझ कर रह गई।
फरवरी महीने की बात है जब साल्ट लेक निवासी एक वकील ने शहर के मिशन रो एक्सटेंशन की एक मोबाइल शॉप से करीब 49 हजार रुपये का फोन खरीदा. उन्होंने ये फोन अपनी पत्नी को उपहार में दिया. फोन सील पैक था और जीएसटी बिल के साथ खरीदा गया था. सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन कुछ ही दिनों में जैसे ही पत्नी ने फोन इस्तेमाल करना शुरू किया, गुजरात पुलिस अचानक उनके दरवाजे पर आ गई।
पुलिस ने बताया कि इस मोबाइल का IMEI नंबर एक साइबर क्राइम केस में पहले से दर्ज है. ये वही फोन था जिसकी तलाश गुजरात पुलिस कर रही थी. यह सुनकर वकील और उनकी पत्नी दंग रह गए. उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि नया समझकर खरीदा गया फोन, किसी अपराध से जुड़ा हुआ है।
घटना के तुरंत बाद वकील ने हरे स्ट्रीट थाने में शिकायत दी और फोन बेचने वाली दुकान के खिलाफ ठगी का आरोप लगाया. उनका दावा है कि दुकानदार ने उन्हें ऐसा डिवाइस बेचा, जो पहले किसी मामले में इस्तेमाल हो चुका था. केस की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच बोबाजार थाने को सौंप दी, क्योंकि वह दुकान उसी क्षेत्र में आती है।
अब पुलिस ने दुकानदार के साथ-साथ उस डिस्ट्रीब्यूटर को भी पूछताछ के लिए बुलाया है, जिसने फोन की सप्लाई की थी. जांच में फिलहाल दुकान के दस्तावेजों में कुछ गड़बड़ी नहीं मिली है, लेकिन शक की सुई अब डिस्ट्रीब्यूटर पर जा रही है. फोन को कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह पता चल सके कि इससे पहले वह किसके पास था और क्या किसी रैकेट का हिस्सा है।
पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि कहीं ऐसे कई और पुराने या केस से जुड़े मोबाइल तो नहीं बाजार में दोबारा पैक करके बेचे जा रहे हैं? अगर ऐसा है, तो यह आम जनता के लिए एक बहुत बड़ी धोखाधड़ी है, जिसमें किसी भी भोले-भाले खरीदार की जिंदगी फंस सकती है।