कटिहार. अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले गुल्फराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ विजन को न सिर्फ समझा बल्कि अपनी जिंदगी की राह भी बनाई। बीटेक पास इस युवा ने अपने गांव से शुरू किया छोटा कारोबार आज एक बड़े ब्रांड ‘मोदी मखाना’ में बदल गया है, जो देश और विदेश तक अपनी पहचान बना चुका है।
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जन्मदिन पर खास बधाई और गिफ्ट
प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर गुल्फराज ने ‘मोदी मखाना’ के विशेष गिफ्ट हैंपर पीएमओ को भेजे। यह उपहार केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भर सोच की प्रेरक कहानी है। गुल्फराज ने इस ब्रांड के माध्यम से अपने गांव के कई लोगों को रोजगार भी दिया है।
गांव से उच्च स्तर तक की यात्रा
गुल्फराज कटिहार के कोढ़ा प्रखंड के चरखी गांव से हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मोदी के विजन से प्रेरणा ली और 17 सितंबर 2020 को अपने आंगन में ‘मोदी मखाना’ की शुरुआत की। सामाजिक और धार्मिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और आज उनका कारोबार एक हाईटेक फैक्ट्री में बदल चुका है।
ब्रांड और रोजगार की मिसाल
‘मोदी मखाना’ अब देश के कई राज्यों और विदेशों तक पहुंच चुका है। उनके उत्पाद प्रीमियम क्वालिटी और पैकिंग के लिए जाने जाते हैं। इस ब्रांड ने न सिर्फ गुल्फराज को सफलता दिलाई बल्कि गांव के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बनाए। उनकी कहानी यह दिखाती है कि सही सोच, मेहनत और दृढ़ नीयत से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
प्रेरणा और युवाओं के लिए संदेश
गुल्फराज ने साबित किया कि विचार और विजन जब सच्चे हों तो मजहब या नाम मायने नहीं रखते। उनकी यात्रा आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है। उनका सपना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें ‘मोदी मखाना’ दिखाएँ और आशीर्वाद प्राप्त करें।
गुल्फराज की कहानी इस बात का प्रतीक है कि सकारात्मक सोच, मजबूत इरादे और मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। आज उनका ब्रांड सिर्फ व्यवसाय नहीं, बल्कि देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन चुका है।
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