🕒 Published 2 months ago (7:29 AM)
अयोध्या (उत्तर प्रदेश), 23 मई भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या एक बार फिर दीवाली की तरह जगमग होगी। मौका होगा गंगा दशहरा। 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के शुभ मुहूर्त पर राम जन्मभूमि परिसर में स्थित 14 मंदिरों में एक साथ देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह आयोजन पावन नगरी अयोध्या की सांस्कृतिक चेतना और आध्यात्मिक ऊर्जा को नई दिशा देगा। सनातन में गंगा दशहरा की बहुत महता है।
लाखों की तादाद में अयोध्या पहुंचेंगे श्रद्धालु
इस आयोजन के लिए अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। नगर में भक्ति से सराबोर करने वाले कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रस्ट द्वारा विशेष व्यवस्था का प्रबंध किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए श्रद्धालु काफी उत्साहित हैं। लाखों की तादाद में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं।
प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार इस आयोजन में देशभर से 101 वैदिक आचार्य भाग लेंगे, जो मंत्रोच्चार और धार्मिक विधियों के अनुसार देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराएंगे। प्रत्येक मंदिर के लिए एक-एक यजमान का भी चयन किया गया है। राम मंदिर परिसर में प्रभु राम के अलावा 18 और मंदिरों का निर्माण हो रहा है. इसमें 3 जून से लेकर 5 जून तक प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन भी किया जाएगा. इनमें मुख्य रूप से श्रीराम दरबार, वीर हनुमान, गणेश जी, मां अन्नपूर्णा, मां शीतला, लक्ष्मी-नारायण, शिव परिवार, राधा-कृष्ण, मां दुर्गा, सूर्य देव आदि देवी-देवताओं की मूर्ति को जागृत किया जाएगा.
भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में
बता दें कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। मंदिर के भूतल पर पहले ही भगवान श्रीराम की बाल स्वरूप में प्रतिमा की प्रतिष्ठा की जा चुकी है। अब प्रथम तल पर भव्य राम दरबार स्थापना होगी। इस दरबार में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित होंगी। मूर्तियां मई के अंतिम सप्ताह में अयोध्या पहुंच जाएंगी।
गर्भगृह में स्वर्ण जड़ित भव्य दरवाजे
मंदिर के गर्भगृह में स्वर्ण जड़ित भव्य दरवाजे लगाए जा रहे हैं।राम मंदिर के शिखर पर 40 फीट ऊंचा और 5 टन वजनी ध्वज दंड स्थापित कर दिया गया है। परकोटे में बनाए जा रहे मंदिरों में भगवान हनुमान, सूर्य देव, माता अन्नपूर्णा, भगवती माता और भगवान गणेश के मंदिरों में मूर्तियां स्थापित की जा चुकी हैं। इनमें लगाए गए ध्वज दंड 20 फीट ऊंचे हैं और उनका वजन 600 किलोग्राम (6 कुंटल) तक है। मंदिर परिसर में बने सप्त ऋषि मंदिर खंड का निर्माण कार्य समाप्त हो चुका है। जहाँ हमारे ऋषि-मुनियों की दिव्य प्रतिमाएं स्थापित कर दी गई हैं। मंदिर में पुष्करणी (जल संचय कुंड) का निर्माण भी पूरा हो चुका है।
30 मई 2025 को वहाँ पर ध्वज दंड लगाया जाएगा
अक्षय तृतीया गणपति मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित की गई थी। इसके बाद शेष मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा और ध्वज दंड स्थापना की गई।राम मंदिर परिसर के ईशान कोण में भगवान शिव का भव्य मंदिर भी निर्माणाधीन है। 30 मई 2025 को वहाँ पर ध्वज दंड लगाया जाएगा मंदिर के 4 चार मुख्य द्वारों का निर्माण कार्य भी तेजी पर है।2025 तक मंदिर निर्माण के सभी काम पूरे हो जाएंगे और पावन नगरी अयोध्या धर्म, भक्ति और आस्था का केंद्र बन जाएगी।