नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ एक सटीक और गुप्त रणनीति के तहत हमला किया। बताया गया है कि भारत ने सबसे पहले बिना पायलट वाले डमी लड़ाकू विमान पाकिस्तान की सीमा की ओर भेजे, जिससे पाकिस्तानी सेना को भ्रम हुआ कि यह असली हमले हैं। इसी भ्रम का लाभ उठाते हुए भारत ने एक के बाद एक 15 ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलें दागीं और पाकिस्तान के 11 प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुंचाया।
हमले से स्तब्ध रह गया पाकिस्तान
भारतीय हमले की योजना इतनी सटीक और तेज़ थी कि पाकिस्तान की ओर से कोई प्रभावी जवाब नहीं आ पाया। भारतीय सेना के इस अचानक हुए हमले से पाकिस्तान की वायु सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह विफल हो गई। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्टों पर हुए हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाकर यह जवाबी कार्रवाई की थी। इस हमले में लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल के कई ठिकानों के तबाह होने और 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की बात सामने आई है।
पाकिस्तान के 11 एयरबेस पर जबरदस्त हमला
भारतीय जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान ने भी भारत के सैन्य अड्डों को टारगेट कर ड्रोन और मिसाइल हमले शुरू कर दिए। इसके बावजूद भारत ने संयम बरतते हुए नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाया, लेकिन पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे हमलों के बाद भारतीय सेना ने एक बड़ा सैन्य कदम उठाया। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के 11 प्रमुख एयरबेस पर एक साथ हमला किया गया, जिससे उसका रक्षा ढांचा बुरी तरह चरमरा गया।
पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम रहा बेअसर
इस हमले के दौरान भारत ने मिलिट्री इतिहास में अपनी रणनीतिक क्षमता का प्रदर्शन किया। 9 और 10 मई की दरम्यानी रात को भारतीय वायु सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने मिलकर पाकिस्तान के 12 एयरबेस में से 11 को निशाना बनाया। खास बात यह रही कि चीन की मदद से पाकिस्तान को मिला एयर डिफेंस सिस्टम भी इस हमले को रोकने में पूरी तरह असफल रहा।
ब्रह्मोस और स्कैल्प ने मचाई भारी तबाही
हमले में सबसे ज़्यादा नुकसान ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और राफेल विमान से दागे गए स्कैल्प मिसाइलों ने पहुंचाया। भारत ने इस ऑपरेशन में अपनी सबसे ताकतवर मिसाइल प्रणालियों का इस्तेमाल किया, जिससे पाकिस्तान के कई अहम सैन्य ठिकाने ध्वस्त हो गए। जैसे ही पाकिस्तानी रडार और एयर डिफेंस एक्टिव हुआ, भारतीय सेना ने इजरायल निर्मित हारॉप ड्रोन और अन्य हथियारों से उन पर हमला कर दिया। इससे उनके रडार, कम्युनिकेशन और कंट्रोल सिस्टम पूरी तरह ठप हो गए।
HQ-9 सिस्टम की भी नहीं चली चाल
पाकिस्तानी सेना ने अपने HQ-9 मिसाइल डिफेंस सिस्टम और उससे जुड़े रडार सिस्टम को अलग-अलग स्थानों पर लगाया हुआ था। लेकिन भारत की सटीक निगरानी के चलते उनकी पोजीशन का पता लग गया और इसके बाद उन पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला किया गया। हमले में ब्रह्मोस, स्कैल्प, रैम्पेज और क्रिस्टल मेज जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इन हमलों के चलते पाकिस्तान को अपने लड़ाकू विमानों को पीछे के सुरक्षित ठिकानों पर भेजना पड़ा।
यह पहली बार है जब ब्रह्मोस मिसाइल का इस पैमाने पर उपयोग किया गया और इससे इसकी युद्धक क्षमता पूरी दुनिया के सामने आई है। पाकिस्तान के हवाई अड्डों पर हुए इन हमलों की तीव्रता इतनी अधिक थी कि उसका वायु रक्षा तंत्र असहाय नजर आया।
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