World Eye Donation Day
नई दिल्ली, डेस्क 10 जून यानि नेत्रदान दिवस । नेत्रदान को महादान बताया गया है। फिर भी इसको लेकर इस दान में इतनी रूचि क्यों नहीं दिखा रहे यह सोचने वाली बात है। आज World Eye Donation Day है। जो हर साल 10 जून को मनाया जाने वाले इस दिवस पर पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का मकसद कुछ और नहीं बल्कि लोगों में नेत्रदान प्रति जागरूकता बढ़ाना और नेत्रदान करने के लिए प्रेरित करना भी है। जिससे नेत्रदान करने वालों की तादाद में इजाफा हो सके।
World Eye Donation Day पर इस बात पर चर्चा हुई कि भारत सहित पूरे विश्व में कॉर्निया (नेत्रपटल) की क्षति के चलते अंधहीनता का संकट बढ़ता जा रहा है. विशेषज्ञों की माने तों भारत में लगभग 1.25 करोड़ लोग दृष्टिहीन है। यदि देश में मृत्यु के बाद नेत्रदान Eye Donation करने के लिए लोग आगे आएं तो एक साल के भीतर भारत में दृष्टिहीनता काफी हद तक समाप्त हो सकती है।
यूं तो आंखे दान करना एक पुण्य का कार्य है। इसके बावजूद यदि लोग आंखें दान नहीं कर रहे हैं तो इसके पीछे कुछ तो कारण होंगे ही। भारत में नेत्रदान को लेकर लोगों में यह धारणा है कि यदि उन्होंने आंखें दान कर दी तो अगले जन्म में अंधे ही पैदा होंगे। इससे धर्म के नियमों का उल्लंघन होता है। जबकि चिकित्सा विशेषज्ञ स्पष्ट करते हैं कि नेत्रदान के दौरान केवल कॉर्निया (पुतली का पारदर्शी हिस्सा) निकाला जाता है और मृतक के चेहरे पर कोई विकृति नहीं आती।
कोरोना महामारी के दौरान नेत्रदान की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। अब पुनः नेत्रदान कार्यक्रमों को गति देने के लिए पूरे देश में अभियान चलाए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि WHO के अनुसार, दृष्टिहीनता के 92.9% मामलों को समय रहते रोका जा सकता है। इसके लिए नेत्रदान के साथ-साथ नेत्र स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की जरूरत है।आजकल बदलती जीवनशैली, बढ़ता स्क्रीन टाइम, प्रदूषण और असंतुलित आहार के कारण आंखों की समस्याएं बढ़ रही हैं।
नेत्र स्वास्थ्य के लिए विशेषज्ञों Triple Twenty नियम अपनाने की सलाह देते हैं क्या है यह Triple Twenty आइए जानते हैं।
अब जानते है कौन कर सकता है आंखें दान?
कौन नहीं कर सकता आंखें दान ?
एड्स, हेपेटाइटिस, ब्लड कैंसर, रेबीज, गंभीर संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति
नेत्रदान की प्रक्रिया?
विश्व नेत्रदान दिवस पर नेत्रदान का महत्व यदि हमें समझ में आ जाए कि नेत्रदान से हम किसी की दुनिया रोशन कर सकते हैं तो यह मानवता की एक सच्ची सेवा होगी।
इसके अलावा 10 जून आज के ही दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘सभ्यताओं के बीच संवाद हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ भी मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य विभिन्न सभ्यताओं और संस्कृतियों के बीच संवाद को बढ़ावा देना और शांति और सौहार्द स्थापित करना है।
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