🕒 Published 1 day ago (10:29 AM)
नई दिल्ली।देशभर में SSC अभ्यर्थियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। 24 जुलाई से शुरू हुई SSC चयन पद चरण 13 परीक्षा में हुई अव्यवस्थाओं के खिलाफ छात्रों ने राजधानी दिल्ली में जबरदस्त प्रदर्शन किया। खास बात ये रही कि इस प्रदर्शन में शिक्षकों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जानी-मानी शिक्षिका नीतू मैम की मौजूदगी ने इस आंदोलन को और ताकत दी, लेकिन इसके जवाब में जो हुआ, उसने सबको झकझोर दिया।
पुलिस लाठीचार्ज का आरोप, शिक्षकों पर भी गिरी लाठियां
प्रदर्शन के दौरान छात्रों और शिक्षकों पर कथित रूप से पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में छात्र बता रहे हैं कि न केवल उन्हें, बल्कि शिक्षकों — जिनमें नीतू मैम भी शामिल थीं — पर भी लाठियां बरसाई गईं। वीडियो में छात्र पुलिस कार्रवाई को “अन्यायपूर्ण और क्रूर” बता रहे हैं।
क्यों गुस्से में हैं छात्र?
छात्रों का विरोध कई कारणों से है:
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परीक्षाएं अंतिम समय में रद्द कर दी गईं
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केंद्रों पर अव्यवस्था, तकनीकी खराबी, सिस्टम क्रैश और गलत केंद्र आवंटन
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नया एग्जाम वेंडर परीक्षा आयोजित करने में नाकाम
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यात्रा व आवास पर खर्च के बावजूद परीक्षा रद्द
कई छात्रों ने बताया कि वे सैकड़ों किलोमीटर दूर से परीक्षा देने पहुंचे थे, लेकिन केंद्र पर जाकर पता चला कि परीक्षा रद्द कर दी गई है — वो भी बिना कोई पूर्व सूचना।
बढ़ती संख्या और घटती व्यवस्था
आयोग पर आरोप है कि वह उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या को संभालने में विफल रहा है। आने वाली SSC परीक्षाओं में 30 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल होंगे, ऐसे में एजेंसी की क्षमता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। छात्र मांग कर रहे हैं कि आयोग मौजूदा परीक्षा एजेंसी का अनुबंध रद्द करे और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।
क्या चाहते हैं छात्र?
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SSC परीक्षा प्रणाली की स्वतंत्र जांच
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जिम्मेदार एजेंसी का निष्कासन
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निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया
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भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस व्यवस्था
सोशल मीडिया बना विरोध का मंच
इस विरोध को सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर #SSCSystemSudarho, #SSCMisManagement, #JusticeForAspirants जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। छात्र और शिक्षक मिलकर अब सरकार से हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं।
नीतू मैम का समर्थन क्यों अहम है?
ऑनलाइन शिक्षा जगत में जाना-पहचाना नाम बन चुकीं नीतू मैम इस आंदोलन में फ्रंट पर नजर आईं। छात्रों के बीच उनकी लोकप्रियता और प्रभाव के चलते अब यह मुद्दा और भी व्यापक बनता जा रहा है। वे कहती हैं — “पढ़ाई से जुड़ा हर सवाल ज़रूरी है, लेकिन परीक्षा से जुड़ा हर अन्याय और भी ज़रूरी है, अब हम चुप नहीं बैठेंगे।”