Tahawwur Rana News: 26/11 हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ, US सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की

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By Rita Sharma

🕒 Published 2 months ago (5:32 AM)

Tahawwur Rana News: मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को अब भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी। यह फैसला भारत सरकार के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जो लंबे समय से उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही थी।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
तहव्वुर राणा, जो पाकिस्तानी मूल का 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक है, फिलहाल लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में कैद है। उसने 27 फरवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की एसोसिएट जज एलेना कागन के समक्ष एक आपातकालीन याचिका दायर की थी। इस याचिका में उसने मुकदमे के लंबित रहने तक भारत को सौंपे जाने पर रोक लगाने की अपील की थी।

हालांकि, जज कागन ने मार्च की शुरुआत में ही उसका आवेदन खारिज कर दिया था। इसके बावजूद, तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका दोबारा दाखिल की और अनुरोध किया कि इसे प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स के समक्ष भेजा जाए। अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने राणा की नई याचिका को 4 अप्रैल 2025 की बैठक के लिए सूचीबद्ध किया था, लेकिन 7 अप्रैल को अदालत ने इसे खारिज कर दिया।

राणा के प्रत्यर्पण पर तर्क और अदालत का फैसला
तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका में दावा किया था कि भारत में उसे यातना दी जा सकती है और उसकी जान को खतरा हो सकता है। उसने कहा कि उसका प्रत्यर्पण अमेरिकी कानून और संयुक्त राष्ट्र के यातना विरोधी कन्वेंशन का उल्लंघन होगा।

उसने यह भी तर्क दिया कि,
“अगर मुझे भारत प्रत्यर्पित किया जाता है, तो मुझे प्रताड़ित किया जा सकता है। मैं पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम हूं, और मेरी जान को गंभीर खतरा है।”

इसके अलावा, उसने अपनी खराब चिकित्सकीय स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय जेलों में रहना मौत की सजा के समान होगा। लेकिन अमेरिकी अदालत ने उसकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया और भारत को उसे प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी।

भारत के लिए बड़ी सफलता
भारत सरकार लंबे समय से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही थी। इस फैसले के बाद अब भारत के लिए उसे अमेरिका से लाना आसान हो गया है।

राणा पर 2008 के मुंबई हमलों की साजिश में शामिल होने का आरोप है, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी। उसका प्रत्यर्पण भारत के न्यायिक सिस्टम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हो सकता है। अब भारतीय एजेंसियां जल्द ही उसे भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर सकती हैं, जहां उसके खिलाफ मुकदमा चलेगा।

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