🕒 Published 2 months ago (8:37 AM)
Waqf Act Amendment : वक्फ संशोधन कानून को लेकर संसद से सड़क तक सियासत गरमा गई है। अब यह बहस पोस्टर वॉर के रूप में दिल्ली की गलियों और चौराहों तक पहुंच गई है। राजधानी की सड़कों पर विपक्षी दलों के सांसदों के खिलाफ विवादित होर्डिंग लगाए गए हैं, जिन्होंने वक्फ बिल के खिलाफ मतदान किया था।
इन होर्डिंग्स में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को ‘वतन और धर्म का गद्दार’ बताया गया है। साथ ही वक्फ बिल के विरोध को राष्ट्रद्रोह से जोड़ने की कोशिश की गई है। इससे दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है।
संजय सिंह ने साधा भाजपा पर निशाना
आप सांसद संजय सिंह ने अपने खिलाफ लगाए गए पोस्टरों को भाजपा की साजिश करार दिया है। उन्होंने एक होर्डिंग की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया। संजय सिंह ने भाजपा पर हमला बोलते हुए लिखा कि “गाय काटने वाली कंपनियों से चंदा लेने वाली भाजपा हमें हिंदू विरोधी बता रही है।” उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी का दमन और राजनीतिक द्वेष का उदाहरण बताया।
सपा और कांग्रेस ने भी जताई नाराज़गी
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी इन पोस्टरों की कड़ी निंदा की है। विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए हैं कि इन पोस्टरों के पीछे फंडिंग और संचालन कौन कर रहा है। कई नेताओं ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है।
दिल्ली पुलिस और MCD भी सक्रिय
इस मामले पर दिल्ली पुलिस ने भी संज्ञान लिया है। नगर निगम (MCD) के अधिकारियों ने कहा है कि बिना अनुमति सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाना नियमों का उल्लंघन है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पोस्टर लगाने वालों की पहचान की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बिल के खिलाफ मतदान बना विवाद की जड़
गौरतलब है कि संसद में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विपक्ष के कई सांसदों ने मतदान किया था। इसके बाद से ही कुछ राजनीतिक संगठनों और समूहों द्वारा इन नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। अब जब यह विरोध पोस्टरों के ज़रिए सड़कों पर उतर आया है, तो विवाद और तेज़ हो गया है।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वक्फ बिल सिर्फ कानूनी मसला नहीं, बल्कि एक संवेदनशील राजनीतिक मुद्दा भी बन गया है, जो आने वाले समय में और ज्यादा सियासी बवाल पैदा कर सकता है।