Nagpur में भड़की हिंसा: औरंगजेब की कब्र पर क्यों हुआ बवाल? जानिए मौजूदा हालात

By Pragati Tomer

🕒 Published 5 months ago (5:05 AM)

Nagpur में भड़की हिंसा: औरंगजेब की कब्र पर क्यों हुआ बवाल? जानिए मौजूदा हालात

Nagpur में भड़की हिंसा ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर उपजे विवाद के चलते शहर में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। यह विवाद धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि दो समुदायों के बीच पथराव और आगजनी जैसी घटनाएं सामने आईं। स्थानीय लोगों और पुलिस प्रशासन के बीच संघर्ष की घटनाएं भी देखने को मिलीं। इस पूरे विवाद की शुरुआत कैसे हुई और अब हालात क्या हैं, आइए विस्तार से जानते हैं।

औरंगजेब की कब्र पर क्यों हुआ विवाद?

हाल के दिनों में Nagpur में भड़की हिंसा का मुख्य कारण औरंगजेब की कब्र के प्रति हिंदुत्वादी संगठनों द्वारा जताई गई नाराजगी है। छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग लंबे समय से हिंदू संगठनों द्वारा की जा रही थी। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे संगठनों ने इसे मुद्दा बनाकर नागपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान दूसरे समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया और देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया।

कैसे शुरू हुई Nagpur में भड़की हिंसा?

इस विवाद के बीच नागपुर के महाल इलाके में सोमवार की रात दो गुटों के बीच झड़प हो गई। एक तरफ हिंदुत्ववादी संगठनों के लोग और दूसरी तरफ दूसरे समुदाय के लोग थे। देखते ही देखते मामला हिंसक हो गया। कुछ अज्ञात लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, Nagpur में भड़की हिंसा की शुरुआत तब हुई जब दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने हिंदू संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पथराव कर दिया। इसके बाद माहौल और बिगड़ गया।

पुलिस की भूमिका और कार्रवाई

इस हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया। हालांकि, इस दौरान कई पुलिसकर्मियों पर भी हमले हुए, जिनमें से कुछ घायल हो गए। पुलिस उपायुक्त (DCP) निकेतन कदम पर भी हमला किया गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। फिलहाल, पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी है और किसी भी तरह के बड़े जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया है। Nagpur में भड़की हिंसा को काबू में करने के लिए पुलिस प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं।

अफवाहों का असर और हिंसा की आग

इस पूरी घटना के दौरान अफवाहों का भी बड़ा योगदान रहा है। सोमवार की शाम को अचानक यह अफवाह फैल गई कि मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाया गया है, जिसके बाद इलाके में तनाव और बढ़ गया। इस अफवाह ने Nagpur में भड़की हिंसा को और भी उग्र कर दिया, और देखते ही देखते सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने इस अफवाह को गलत ठहराया, लेकिन तब तक हालात बेकाबू हो चुके थे।

हिंसा से जुड़े प्रमुख घटनाक्रम

Nagpur में भड़की हिंसा के कुछ मुख्य घटनाक्रम इस प्रकार हैं:

  1. लगभग 200-300 लोगों की भीड़ ने महाल इलाके में पथराव किया और गाड़ियों को आग लगा दी।
  2. कई स्थानीय घरों की खिड़कियों पर पत्थर बरसाए गए, जिससे लोग घरों में बंद हो गए।
  3. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर हमले की घटनाएं हुईं, जिनमें DCP निकेतन कदम घायल हुए।
  4. पुलिस ने 20 से 25 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है।
  5. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

Nagpur में भड़की हिंसा

वर्तमान स्थिति और प्रशासन की तैयारी

फिलहाल, Nagpur में भड़की हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। पूरे महाल इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है, और लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की सख्त हिदायत दी गई है। शहर के कई हिस्सों में धारा 144 लागू कर दी गई है, जिससे किसी भी तरह के बड़े जमावड़े पर रोक लगाई जा सके। नागपुर पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंगल ने स्थिति की निगरानी की और सुरक्षा बढ़ा दी है।

नागपुरवासियों से अपील

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने Nagpur में भड़की हिंसा को लेकर नागपुरवासियों से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नागपुर हमेशा से शांति और एकता का प्रतीक रहा है, और यह घटना इस छवि को धूमिल करने वाली है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

हिंसा के पीछे की साजिश?

मध्य नागपुर के विधायक प्रवीण दटके ने इस हिंसा को पूर्व नियोजित साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि सुबह का विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन रात को योजनाबद्ध तरीके से बाहर से लोगों को बुलाकर हिंसा भड़काई गई। विधायक ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि Nagpur में भड़की हिंसा के दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

नागपुर की हिंसा से राजनीतिक बयानबाजी

कांग्रेस के महाराष्ट्र इकाई प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने इस घटना को राज्य सरकार की विफलता करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह घटना महाराष्ट्र के गृह विभाग की कमजोरी को दर्शाती है। सपकाल ने Nagpur में भड़की हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए नागपुरवासियों से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की। सपकाल ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द इस मामले की जांच कर दोषियों को पकड़ना चाहिए।

प्रशासन की सख्ती और नागरिकों से अपील

नागपुर पुलिस और प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और इलाकों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। Nagpur में भड़की हिंसा के बाद शहर के कई संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

निष्कर्ष

Nagpur में भड़की हिंसा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक और सांप्रदायिक मुद्दों को सुलझाने के बजाय उनका राजनीतिकरण करने से हालात बिगड़ सकते हैं। यह घटना न सिर्फ नागपुरवासियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है कि अफवाहों और भड़काऊ भाषणों के चलते हालात कितने गंभीर हो सकते हैं। प्रशासन और जनता दोनों की जिम्मेदारी है कि ऐसे मामलों को शांति और सौहार्द से सुलझाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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