🕒 Published 1 month ago (6:36 AM)
दिल्ली। मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी शाह की याचिका पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें फटकार लगाई और एफआईआर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि जब देश संवेदनशील हालातों से गुजर रहा हो, तो एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। कोर्ट ने विजय शाह से कहा कि उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वह क्या बोल रहे हैं और किन परिस्थितियों में बयान दे रहे हैं।
हाईकोर्ट ने दिया था FIR का आदेश
मामला तब शुरू हुआ जब विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक बयान दिया था, जो विवादित माना गया। इस पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसके खिलाफ विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और एफआईआर पर रोक की मांग की थी।
अगली सुनवाई 16 मई को
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की है। तब तक किसी भी तरह की अंतरिम राहत नहीं दी गई है। यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी दोनों ही मोर्चों पर चर्चाओं में बना हुआ है।
संवैधानिक पद और जिम्मेदारी पर सवाल
इस मामले के जरिए एक बार फिर यह बहस तेज हो गई है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को अपने बयानों में कितनी सावधानी बरतनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से यह स्पष्ट है कि अब सार्वजनिक बयानों की जवाबदेही को हल्के में नहीं लिया जा सकता।