‘किंग ऑफ गुड टाइम्स’ से बैंक डिफॉल्टर तक.. जानिए विजय माल्या की सच्ची कहानी!

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By Rita Sharma

🕒 Published 4 days ago (3:33 PM)

कभी भारत के कॉरपोरेट जगत में “किंग ऑफ गुड टाइम्स” कहे जाने वाले विजय माल्या आज भगोड़ा आर्थिक अपराधी कहलाते हैं। उनके पास एक समय बीयर ब्रांड, एयरलाइंस, आईपीएल टीम और फार्मा कंपनी तक थी, लेकिन उनका चमकदार साम्राज्य धीरे-धीरे कर्ज में डूबकर खत्म हो गया। आज हम जानेंगे कि कैसे एक हाई-प्रोफाइल बिजनेस टाइकून की कहानी 9000 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबने तक जा पहुंची।

यूबी ग्रुप: एक शराब कंपनी से शुरुआत

विजय माल्या के पिता विट्टल माल्या ने जिस United Breweries Group (यूबी ग्रुप) की नींव रखी थी, उसे विजय माल्या ने 1983 में संभाला।
“किंगफिशर बीयर” ने बाजार में तहलका मचा दिया और विजय को “Beer Baron” का तमगा मिला।

किंगफिशर एयरलाइंस: आकाश में सपनों की उड़ान

2005 में विजय माल्या ने किंगफिशर ब्रांड को उड़ान दी और शुरू की Kingfisher Airlines। शानदार सर्विस, फैशनेबल क्रू और हर सीट पर LCD स्क्रीन जैसी सुविधाएं थीं, लेकिन यह लक्ज़री केवल दिखावे तक सीमित थी — कंपनी कभी मुनाफे में नहीं आई।

Deccan Aviation मर्जर और बढ़ते संकट

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की मंजूरी पाने के लिए 2007 में Deccan Aviation का अधिग्रहण किया गया। यह कदम घाटे का सौदा साबित हुआ। कम लागत वाला बिजनेस मॉडल और हाई-एंड सर्विस का मेल टिक नहीं पाया।

बढ़ते कर्ज और एयरलाइंस का अंत

एयरलाइंस के घाटे को ढकने के लिए माल्या ने बैंकों से भारी कर्ज उठाया। लेकिन ना टैक्स चुकाया गया, ना ईंधन कंपनियों का भुगतान। 2012 में DGCA ने किंगफिशर का लाइसेंस रद्द कर दिया।

गिरती नींव: बाकी कारोबार भी डूबे

एयरलाइंस की असफलता ने यूबी ग्रुप के दूसरे व्यवसायों को भी झकझोर दिया। शराब व्यापार में हिस्सेदारी बेचनी पड़ी और फार्मा जैसे सेक्टर से पीछे हटना पड़ा।

2016: देश छोड़कर लंदन भागे माल्या

जब बैंकों ने वसूली तेज की, माल्या 2016 में चुपचाप लंदन भाग निकले। उस वक्त वे 13 बैंकों के ₹9000 करोड़ से अधिक कर्जदार थे। ED और CBI ने उनके खिलाफ केस दर्ज किए।

प्रत्यर्पण की कोशिशें और कानूनी पेच

ब्रिटेन की अदालत ने 2020 में माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अब तक वह भारत नहीं लाए जा सके हैं। रहस्यमयी कानूनी अड़चनें इस प्रक्रिया में आड़े आ रही हैं।

सबक: जब सपने कर्ज में डूबते हैं

ग्लैमर और शानो-शौकत के पीछे भागते हुए विजय माल्या ने अपनी असली ताकत खो दी। किंगफिशर एयरलाइंस उनका सपना था, जो अंततः एक भारी कर्ज और बदनामी की वजह बन गया।

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