🕒 Published 4 weeks ago (11:51 AM)
नई दिल्ली, US Pressure on Modi Govt, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। इस बार उनका निशाना है भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर चल रही चर्चाएं और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का बयान। राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि सरकार अमेरिकी दबाव के आगे झुकने वाली है। दरअसल, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका के साथ चल रही ट्रेड डील को लेकर कहा कि भारत किसी भी डेडलाइन (समय सीमा) के दबाव में नहीं आएगा। गोयल ने कहा, “देशहित हमारे लिए सर्वोपरि है, कोई भी समझौता तभी होगा जब वो भारत के हित में हो।”
राहुल गांधी की तीखी प्रतिक्रिया US Pressure on Modi Govt
पीयूष गोयल के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक खबर साझा की, जिसमें गोयल का बयान “डेडलाइन से ऊपर राष्ट्रहित है” प्रकाशित था। राहुल गांधी ने इस पर कटाक्ष करते हुए लिखा:
“पीयूष गोयल जितना चाहें अपनी छाती पीट सकते हैं, लेकिन मेरे शब्दों पर गौर करें – मोदी-ट्रंप टैरिफ की समय सीमा के सामने सरकार झुक जाएगी।”
क्या है विवाद की जड़?
भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ समय से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत जारी है। हालांकि, कृषि और ऑटोमोबाइल सेक्टर जैसे कुछ मुद्दों पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत तभी किसी समझौते पर हस्ताक्षर करेगा जब वह देश के दीर्घकालिक हितों को साधेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दो देशों के बीच कोई भी व्यापारिक समझौता तभी कारगर होता है जब दोनों पक्षों को उसमें फायदा हो।
ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ की डेडलाइन नजदीक US Pressure on Modi Govt
यह पूरा विवाद ऐसे समय पर गर्माया है जब अमेरिका की ओर से लगाए गए जवाबी टैरिफ (Retaliatory Tariffs) की अस्थायी राहत अवधि खत्म होने वाली है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 100 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाए थे, जिनमें भारत भी शामिल था। भारत पर 26% का टैरिफ लगाया गया था। बाद में अमेरिका ने 90 दिनों की अस्थायी राहत दी थी, जो 9 जुलाई को समाप्त हो रही है।
सरकार ने क्या कहा?
सरकार की ओर से पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया कि भारत “ट्रेड डील दबाव में नहीं करेगा” और राष्ट्रहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने संकेत दिया कि भारत विकासशील देशों के साथ भी मजबूत और संतुलित व्यापार समझौते के लिए तैयार है – बशर्ते उसमें भारत के हितों की अनदेखी न हो। राहुल गांधी और केंद्र सरकार के बीच ट्रेड डील को लेकर टकराव और बयानबाज़ी ने यह साफ कर दिया है कि आगामी दिनों में भारत-अमेरिका संबंधों, आर्थिक नीतियों, और विदेश नीति पर राजनीति और भी तेज़ हो सकती है। अब सभी की निगाहें 9 जुलाई की टैरिफ डेडलाइन पर हैं।