वाशिंगटन: अमेरिकी निवेश जगत में भारतीय मूल के कारोबारी बंकिम ब्रह्मभट्ट के नाम से हड़कंप मच गया है। उन पर 500 मिलियन डॉलर के वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। आरोपों के मुताबिक, ब्रह्मभट्ट ने दुनिया के बड़े इनवेस्टमेंट ग्रुप ब्लैकरॉक की प्राइवेट-क्रेडिट इनवेस्टमेंट शाखा और अन्य ऋणदाताओं को ठगी का शिकार बनाया। हालांकि, ब्रह्मभट्ट ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है।
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घोटाले का खुलासा
ब्लैकरॉक का कहना है कि ब्रह्मभट्ट की दूरसंचार कंपनियों और अन्य कारोबारों के जरिए करोड़ों डॉलर का घोटाला किया गया। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ऋणदाताओं ने आरोप लगाया कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियों ने फर्जी प्राप्य खाते बनाए, जिनका इस्तेमाल ऋण प्राप्त करने के लिए किया गया। वर्तमान में, ब्रह्मभट्ट की कंपनियों पर ऋणदाताओं का 50 करोड़ डॉलर से अधिक बकाया है। ब्लैकरॉक की निजी ऋण निवेश शाखा एचपीएस इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स अब इस धन की वसूली में जुटी हुई है।
मुकदमे में क्या आरोप हैं
अगस्त में दाखिल किए गए मुकदमे में दावा किया गया कि एचपीएस ने ब्रह्मभट्ट की कंपनियों को ऋण देने के लिए शर्त रखी थी कि वे ग्राहकों से प्राप्त करोड़ों डॉलर को जमानत के रूप में रखें। आरोप है कि ब्रह्मभट्ट ने ऋण राशि को भारत और मॉरीशस के विदेशी खातों में ट्रांसफर कर दिया। BNP Paribas ने ब्लैकरॉक के एचपीएस को ब्रह्मभट्ट की कंपनियों को ऋण देने में मदद की।
एचपीएस ने 2020 में ब्रह्मभट्ट की दूरसंचार कंपनियों से जुड़े वित्तपोषण शाखाओं को ऋण देना शुरू किया और 2021 में इस राशि को लगभग 385 मिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया। अगस्त 2024 तक यह लगभग 430 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
फर्जी बिल और दस्तावेज़ों का इस्तेमाल
ऋणदाताओं ने आरोप लगाया कि ब्रह्मभट्ट ने पिछले दो वर्षों में फर्जी बिल, अनुबंध, ईमेल और विस्तृत नकली बैलेंस शीट का इस्तेमाल किया ताकि यह दिख सके कि पैसा स्थापित दूरसंचार कंपनियों को दिया गया है। वकीलों का कहना है कि ऐसी संपत्तियां केवल कागजों पर मौजूद थीं।
ब्रह्मभट्ट के व्यवहार में संदेह
ऋणदाताओं ने कहा कि जब एचपीएस अधिकारियों ने अनियमितताओं के बारे में पूछा, तो ब्रह्मभट्ट ने उन्हें आश्वस्त किया कि सब कुछ सही है। लेकिन बाद में उन्होंने संपर्क तोड़ दिया। जुलाई में एचपीएस के एक कर्मचारी ने न्यूयॉर्क स्थित ब्रह्मभट्ट के कार्यालय का दौरा किया, तो वह बंद पाया गया।
वर्तमान स्थिति
रिपोर्ट्स के अनुसार, एचपीएस को संदेह है कि बंकिम ब्रह्मभट्ट भारत में हैं। ब्लैकरॉक और अन्य ऋणदाता अभी भी इस मामले में कानूनी कार्रवाई और धन वसूली के प्रयास कर रहे हैं।
यह मामला अमेरिकी निवेश जगत के लिए गंभीर चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है और इसके प्रभाव की चर्चा वैश्विक स्तर पर हो रही है।
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