नई दिल्ली। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने भारत में ऑनलाइन भुगतान का तरीका पूरी तरह बदल दिया है। 2016 में शुरू हुए इस सिस्टम का उपयोग आज हर महीने करोड़ों लोगों द्वारा किया जा रहा है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि लोग UPI का सबसे ज्यादा इस्तेमाल लोन की EMI भरने के लिए कर रहे हैं।
UPI लेनदेन के ताज़ा आंकड़े
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की जुलाई की इकोसिस्टम स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट के अनुसार, कुल डेट कलेक्शन एजेंसीज को जुलाई में 93,857 करोड़ रुपए का UPI भुगतान किया गया। इन एजेंसियों में सरकारी और प्राइवेट बैंक के साथ-साथ नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन शामिल हैं।
किराना, पेट्रोल और यूटिलिटी पेमेंट में UPI का बढ़ता इस्तेमाल

रिपोर्ट में मार्चेंट कैटेगरी के हिसाब से यह भी पता चला कि लोग जरूरत का सामान खरीदने के लिए UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं। किराना दुकानों और सुपरमार्केट में जुलाई में करीब 65 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। पेट्रोल और डीजल के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का भुगतान हुआ। इसके अलावा, बिजली, गैस, पानी और स्वच्छता सेवाओं के लिए 23,497 करोड़ रुपए का UPI लेनदेन हुआ।
सीमा-पार UPI लेनदेन में भी तेजी
भारत में UPI का इस्तेमाल सीमा-पार लेनदेन के लिए भी बढ़ रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में 6.01 लाख सीमा-पार UPI ट्रांजैक्शन किए गए, जबकि पूरे 2024-25 में इनकी संख्या 7.55 लाख थी। मूल्य के हिसाब से यह 169.29 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन हुए, जो पिछले साल 258.53 करोड़ रुपए थे।
UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान को आसान और तेज़ बनाया है। चाहे लोन EMI हो, रोजमर्रा का किराना या पेट्रोल, या सीमा-पार लेनदेन—UPI हर जगह तेजी से अपनी पकड़ बना रहा है।
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