Ukraine Drone Attack on Russia: यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग में अब तक का सबसे बड़ा और चौंकाने वाला ड्रोन हमला देखने को मिला है। इस हमले को यूक्रेन की घरेलू खुफिया एजेंसी एसबीयू (SBU) और खुद राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की की सीधी निगरानी में अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन का कोड नाम था — “स्पाइडर्स वेब”, और इसे इतने चुपचाप और रणनीतिक तरीके से अंजाम दिया गया कि रूस के चार एयरबेस पर एक साथ तबाही मच गई।
कैसे हुआ हमला?
यूक्रेनी एजेंटों ने एक अनोखा तरीका अपनाते हुए ड्रोन्स को लकड़ी के शेड्स के भीतर छिपाकर ट्रकों में लादा, और उन्हें रूस के भीतर एयरबेसों के नजदीक तक ले गए। जब वक्त आया, तो रिमोट कंट्रोल से शेड्स की छतें खोली गईं और भीतर छिपे दर्जनों क्वाडकॉप्टर ड्रोन्स ने एक साथ उड़ान भर ली। ये ड्रोन सीधे रनवे पर खड़े रूसी बॉम्बर्स पर जा गिरे, और भारी धमाकों के साथ उन्हें तबाह कर दिया।
एक यूक्रेनी सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक, इस हमले में चार रूसी एयरबेसों को निशाना बनाया गया और कुल 117 ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया। इनमें से कई ड्रोन पहले से ही रूस के भीतर गुप्त रूप से छिपाए जा चुके थे।
कहां-कहां हुआ हमला?
रूस के मुरमान्स्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और अमूर क्षेत्रों के एयरबेस इस हमले की जद में आए। सबसे ज्यादा नुकसान इरकुत्स्क स्थित बेलाया एयरबेस को हुआ, जो युद्ध क्षेत्र से करीब 4,300 किलोमीटर दूर है। यहां Tu-22M और Tu-95 जैसे सुपरसोनिक बमवर्षक तैनात थे, जो अक्सर यूक्रेनी शहरों पर मिसाइलें दागने में इस्तेमाल होते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केवल इसी एयरबेस पर कई विमानों के जलने की पुष्टि हुई है।
तस्वीरें और वीडियो से हुआ खुलासा
यूक्रेन के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा जारी कुछ तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह इंडस्ट्रियल गोदामों में तैयार दर्जनों ड्रोन एक साथ हमले के लिए स्टैंडबाय में थे। वहीं, रूसी सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें ट्रकों पर लदे शेड्स की छतें खुलती दिखाई देती हैं और उनके भीतर से ड्रोन उड़ते नजर आते हैं।
रूस की प्रतिक्रिया
रूसी रक्षा मंत्रालय ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि कई एयरबेसों पर ड्रोन से हमला हुआ, जिनमें से अधिकांश को विफल कर दिया गया। हालांकि, मुरमान्स्क और इरकुत्स्क में पास से छोड़े गए FPV ड्रोन की वजह से कुछ विमानों में आग लग गई। मंत्रालय ने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
ट्रक ड्राइवरों से हो रही पूछताछ
हमले के बाद रूसी एजेंसियों ने ड्रोन ले जाने वाले ट्रकों के ड्राइवरों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। हमले की योजना इतनी गुप्त थी कि रूस को भनक तक नहीं लगी। इस ऑपरेशन की तैयारी में करीब डेढ़ साल का समय लगा।
कम खर्च में भारी नुकसान
यूक्रेन ने इस हमले में FPV ड्रोन्स का इस्तेमाल किया, जिनकी कीमत सिर्फ कुछ सौ डॉलर होती है। वहीं, जिन 41 बॉम्बर्स विमानों को तबाह किया गया, उनकी कीमत अरबों डॉलर में आंकी जा रही है। यानी यूक्रेन ने कम लागत में बड़ा हमला कर रूस की सैन्य क्षमताओं को भारी नुकसान पहुंचाया है।
हमला क्यों खास है?
इस हमले की खास बात यह है कि ये रूस के भीतर बहुत अंदर तक घुसकर किया गया, जहां तक सामान्य ड्रोन्स या मिसाइलें नहीं पहुंच पातीं। इससे यह भी साफ हो गया कि यूक्रेनी एजेंसियां अब रूस के भीतर भी गुप्त ऑपरेशन चलाने में सक्षम हो चुकी हैं।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब कुछ ही दिन पहले रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर 367 मिसाइल और ड्रोन दागे थे, जिसमें 13 नागरिकों की मौत हो गई थी। अब यूक्रेन ने ‘स्पाइडर्स वेब’ के जरिए रूस को करारा जवाब दिया है।