Operation Sindoor : भारत का पक्ष रखने UAE पहुंचा भारत का डेलिगेशन, अबु धाबी ने कहा- ‘आतंकवाद के खिलाफ हम भारत के साथ

By Hindustan Uday

🕒 Published 2 months ago (12:09 PM)

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को और मज़बूती दी है। इसी सिलसिले में शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अबू धाबी पहुँचा। इस डेलिगेशन ने यूएई के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को लेकर अहम बातचीत की।

डॉ. शिंदे ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने यूएई रक्षा समिति के अध्यक्ष अली राशिद अल नूमी और सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान से विस्तृत बातचीत की। उन्होंने कहा,

“हमारी बैठक बेहद सकारात्मक और सार्थक रही। यूएई ने यह साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है और किसी भी धर्म के नाम पर उसका कोई औचित्य नहीं है।”

डॉ. शिंदे ने आगे कहा कि यूएई में रहने वाले लाखों भारतीयों को वहां की शांति और सुरक्षा का अनुभव होता है, और इस नाजुक दौर में यूएई का भारत के साथ खड़ा होना बेहद महत्वपूर्ण संकेत है।

“UAE के समकक्षों ने यह स्पष्ट किया है कि वे आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूत हुआ है। यह दुनिया को एक ठोस संदेश है।”

पहलगाम आतंकी हमला: 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकियों ने धर्म पूछकर विशेष रूप से हिन्दू पर्यटकों को निशाना बनाया और कलमा न पढ़ने पर परिवार के सामने गोलियों से भून दिया।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत का करारा जवाब

हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ड्रोन और मिसाइल हमलों से तबाह कर दिया। इस कार्रवाई से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अगला कोई भी आतंकी हमला सीधे तौर पर “युद्ध की कार्यवाही (Act of War)” माना जाएगा।

अमेरिका की सीजफायर में कूटनीति और भारत का जवाब

घटनाक्रम के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अचानक सीजफायर का दावा किया और कहा कि अमेरिका की पहल पर दोनों देशों के बीच युद्ध टला। हालांकि भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने DGMO स्तर पर बातचीत कर खुद ही सीजफायर की गुहार लगाई थी, जिसे भारत ने अपनी शर्तों पर स्वीकार किया।

भारत ने यह भी दोहराया है कि सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को पानी देना रोका गया है और भविष्य में बातचीत सिर्फ और सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) पर होगी।

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