अब ‘मां’ की जरूरत नहीं? दो पिता से हुआ चूहे का जन्म – जानिए कैसे

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By Hindustan Uday

🕒 Published 1 month ago (9:00 PM)

प्राकृतिक रूप से संतान के जन्म के लिए एक पुरुष के शुक्राणु और एक महिला के अंडाणु की आवश्यकता होती है। लेकिन विज्ञान की दुनिया में लगातार नए चमत्कार हो रहे हैं, जो इस पारंपरिक सोच को चुनौती दे रहे हैं। पहले वैज्ञानिकों ने दो माताओं से चूहे पैदा करने में सफलता पाई थी, लेकिन अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए चीनी वैज्ञानिकों ने दो पुरुषों की आनुवंशिक सामग्री से चूहों के जन्म का दावा किया है — यानी बिना मां के, केवल दो पिता से संतानों का जन्म।

कैसे संभव हुआ यह विज्ञानिक करिश्मा?

‘द इकनॉमिस्ट’ और ‘PNAS’ (Proceedings of the National Academy of Sciences) में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, चीन के शंघाई जियाओ टॉन्ग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम ने इस असंभव से लगने वाले प्रयोग को संभव कर दिखाया। टीम ने एपिजेनेटिक एडिटिंग (Epigenetic Editing) नामक अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया, जो जीन के रासायनिक संकेतों (इंप्रिंट्स) को टार्गेट कर बदलाव करती है।

इस प्रक्रिया में चुहिया के अंडाणु से डीएनए हटाया गया और उसमें विशेष प्रोटीन एडिटर्स डाले गए, जो जीन पर मौजूद निशानों को बदल सकते हैं। इसके बाद दो पूंछ रहित शुक्राणुओं को अंडाणु में डाला गया, जिससे भ्रूण बन सका। इस भ्रूण को एक सरोगेट चुहिया के गर्भाशय में स्थानांतरित किया गया।

मां के बिना जन्मे स्वस्थ चूहे

वैज्ञानिकों ने कुल 259 भ्रूण 18 चुहियों में ट्रांसफर किए, जिनमें से तीन जीवित पिल्ले पैदा हुए। उनमें से दो पूरी तरह स्वस्थ थे और आगे चलकर उन्होंने खुद भी संतानें पैदा कीं। एक चूहे ने नौ और दूसरे ने छह चूहों को जन्म दिया।

क्या इंसानों में भी संभव होगा यह प्रयोग?

यह शोध एक क्रांतिकारी उपलब्धि मानी जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अब यह सिद्ध हो गया है कि अगर शुरुआती भ्रूण के इंप्रिंट्स को बदला जाए, तो दो पुरुषों से ही संतान पैदा की जा सकती है। हालांकि, इंसानों पर यह तकनीक प्रयोग करने में अभी लंबा वक्त और गहरा शोध बाकी है। किंग्स कॉलेज लंदन के प्रजनन विशेषज्ञ डॉ. महेश संगृहीत का कहना है, “यह बेहद होशियारी से किया गया प्रयोग है, लेकिन सफलता दर अब भी बेहद कम है।”

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