वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल: नीतीश को बड़ा झटका, 5 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ी

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By Pragati Tomer

🕒 Published 2 months ago (5:15 AM)

वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल: नीतीश को बड़ा झटका, 5 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ी

बिहार की राजनीति में इस वक्त एक बड़ा सियासी ड्रामा देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित किए गए वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (JDU) में गहरी उथल-पुथल मच गई है। वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल का असर इतना जबरदस्त रहा कि पार्टी के पांच मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा देकर नीतीश कुमार को करारा झटका दे दिया है। इस घटना ने न सिर्फ बिहार की राजनीति को हिला दिया है बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों की बिसात पर भी असर डाल दिया है।

नीतीश के लिए खतरे की घंटी बनी वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल

वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल तब शुरू हुआ जब पार्टी ने संसद में इस विधेयक का समर्थन कर दिया। इस कदम ने पार्टी के मुस्लिम नेताओं को असहज कर दिया, जिन्हें लगा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला है। नतीजा यह हुआ कि एक-एक करके पार्टी के प्रमुख मुस्लिम चेहरे पार्टी से किनारा करने लगे।

इस्तीफा देने वाले नेताओं की लिस्ट

अब तक JDU के जिन मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दिया है, उनमें प्रमुख नाम हैं:

  • राजू नैयर

  • तबरेज सिद्दीकी अलीग

  • मोहम्मद शाहनवाज मलिक

  • मोहम्मद कासिम अंसारी

  • नदीम अख्तर

इन नेताओं ने अलग-अलग समय पर अपने इस्तीफे सोशल मीडिया और प्रेस बयानों के जरिए सार्वजनिक किए। उनका कहना है कि JDU अब अल्पसंख्यकों की भावनाओं का सम्मान नहीं कर रही है।

नेताओं ने क्यों छोड़ा साथ?

वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल का सबसे बड़ा कारण वही वक्फ संशोधन विधेयक है, जिसे लेकर मुस्लिम नेताओं का मानना है कि इससे उनके धार्मिक और सामाजिक अधिकार खतरे में पड़ जाएंगे। राजू नैयर ने अपने पत्र में लिखा, “मैं JDU से इस्तीफा देता हूं क्योंकि यह पार्टी अब अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा नहीं कर रही है। इस काले कानून का समर्थन कर पार्टी ने हमारा विश्वास तोड़ा है।”

सोशल मीडिया पर भड़का तूफान

वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल का असर सोशल मीडिया पर भी देखने को मिला। ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सऐप पर नेताओं के इस्तीफे वायरल हो गए। कई मुस्लिम यूजर्स ने JDU की आलोचना की और कहा कि यह पार्टी अब भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। लोगों ने नीतीश कुमार को भी खूब खरी-खोटी सुनाई।

पप्पू यादव का तगड़ा हमला

पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि JDU में 90% नेता SC/ST विरोधी मानसिकता रखते हैं और अब मुस्लिम विरोधी नीतियों का भी समर्थन कर रहे हैं। पप्पू यादव ने कहा, “जिस दिन बिहार में वोटिंग होगी, JDU का नाम लेने वाला कोई नहीं मिलेगा।”

पार्टी की सफाई लेकिन असर नहीं पड़ा

JDU के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने सफाई दी कि इस्तीफा देने वाले कुछ लोग पार्टी के रजिस्टर्ड सदस्य ही नहीं थे। मगर इससे वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल की आग नहीं बुझी। उल्टा पार्टी की सफाई को लोगों ने झूठ और पाखंड बताया।

बलियावी भी नाराज, पार्टी में अंदरूनी कलह तेज

JDU के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने साफ किया कि वे विधेयक से खुश नहीं हैं और पार्टी को अल्पसंख्यकों की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए था। बलियावी जैसे नेताओं की नाराजगी इस बात का संकेत है कि वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल अब पार्टी के बड़े नेताओं तक पहुंच चुका है।

वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल

AIMPLB ने भी जताया विरोध

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने पटना में विरोध प्रदर्शन किया और नीतीश कुमार व उनके सहयोगियों से वक्फ विधेयक पर पुनर्विचार की मांग की। AIMPLB का कहना है कि विधेयक संविधान के मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है। यह भी इस बात की पुष्टि करता है कि वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल सिर्फ पार्टी तक सीमित नहीं रहा बल्कि पूरे मुस्लिम समाज में असंतोष की लहर दौड़ गई है।

विधानसभा चुनाव पर असर तय

बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल का असर चुनावी समीकरणों पर पड़ना तय है। मुस्लिम वोट बैंक JDU से खिसक सकता है, जिसका सीधा फायदा RJD और अन्य विपक्षी दलों को मिल सकता है।

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार का वक्फ बिल पर स्टैंड पार्टी के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है। JDU पहले ही भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर मुस्लिम समुदाय में संदिग्ध हो चुकी थी, और अब इस विधेयक के समर्थन ने आग में घी डालने का काम किया है।

पार्टी का मौन तोड़ना जरूरी

वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल अब इतना गहरा हो चुका है कि अगर पार्टी ने जल्द ही कोई संतुलित बयान या एक्शन नहीं लिया, तो यह संकट और गहरा सकता है। मुस्लिम नेता, कार्यकर्ता और वोटर अगर पूरी तरह अलग हो गए तो JDU की स्थिति कमजोर हो जाएगी।

क्या नीतीश संभाल पाएंगे हालात?

सवाल अब यह उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार इस संकट से पार्टी को उबार पाएंगे? क्या वे मुस्लिम नेताओं को मनाने की कोशिश करेंगे या फिर इस मुद्दे को नजरअंदाज कर आगे बढ़ेंगे? फिलहाल जो हालात हैं, वो यही संकेत दे रहे हैं कि वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल फिलहाल थमने वाला नहीं है।

निष्कर्ष

वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल ने यह साबित कर दिया है कि राजनीति में हर फैसला वोट बैंक पर गहरा असर डालता है। JDU का यह कदम आने वाले समय में कितना भारी पड़ेगा, यह तो चुनाव बताएंगे, लेकिन फिलहाल पार्टी की स्थिति डगमगाई हुई नजर आ रही है। नीतीश कुमार के लिए यह वक्त आत्ममंथन का है कि क्या सत्ता की राजनीति में धर्मनिरपेक्षता की कुर्बानी देना सही है।

वक्फ बिल पर JDU में मचा भूचाल अब एक पार्टी का नहीं, बल्कि पूरे बिहार के मुस्लिम समुदाय की नाराजगी का प्रतीक बन चुका है। सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार इस तूफान को थाम पाएंगे या फिर यह भूचाल उनके सियासी करियर को भी झकझोर देगा?

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