न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले ने अमेरिका में ही हलचल मचा दी है। अमेरिकी सांसद रो खन्ना और दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ट्रंप की नीतियां भारत-अमेरिका के लंबे समय से बने रणनीतिक रिश्तों को कमजोर कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के व्यक्तिगत अहंकार के चलते भारत के साथ दशकों पुरानी साझेदारी को खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए।
भारत के साथ संबंध बिगाड़ना अमेरिका के लिए खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के साथ संबंधों में तनाव अमेरिका की एशियाई रणनीति को सबसे बड़ा झटका दे सकता है। ट्रंप की नीतियों ने भारत-रूस और चीन को और करीब ला दिया है, जिससे अमेरिका के लिए रणनीतिक चुनौतियां बढ़ गई हैं। यूएस-इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष रो खन्ना ने कहा कि ट्रंप के निर्णय तीन दशकों की साझेदारी को पीछे धकेल रहे हैं। खासकर भारत से आयातित वस्तुओं पर 50% टैरिफ और रूस से तेल पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने से स्थिति और जटिल हो गई है।
ट्रंप की नीतियों से भारत रूस और चीन के करीब
खन्ना ने चेतावनी दी कि ट्रंप की ये नीतियां भारत को अमेरिका से दूर और रूस-चीन के और करीब ले जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत पर लगाए गए टैरिफ ब्राजील को छोड़कर किसी भी अन्य देश से अधिक हैं, और यह चीन से भी ज्यादा है, जो रूस से ऊर्जा खरीदता है। इसके चलते अमेरिका में भारतीय वस्त्र और चमड़े के निर्यात को नुकसान हुआ है, साथ ही अमेरिकी उत्पादकों और भारत में अमेरिकी निर्यात पर भी असर पड़ा है।
नोबेल पुरस्कार को लेकर व्यक्तिगत नाराजगी बनी वजह
रो खन्ना ने कहा कि इस पूरी स्थिति की जड़ व्यक्तिगत नाराजगी में है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने से इनकार किया था, जबकि पाकिस्तान ने उन्हें नामांकित किया। इसी वजह से भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ा।
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