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Trumps Big Decision: 30 साल बाद अमेरिका फिर करेगा परमाणु परीक्षण

Trumps Big Decision: 30 साल बाद अमेरिका फिर करेगा परमाणु परीक्षण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) को तुरंत परमाणु हथियारों की टेस्टिंग शुरू करने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि अमेरिका की परमाणु क्षमता चीन और रूस के बराबर होनी चाहिए।

अमेरिका ने आखिरी बार 23 सितंबर 1992 को परमाणु परीक्षण किया था। यह देश का 1,030वां और अंतिम टेस्ट था, जिसका कोडनेम “डिवाइडर” था। यह परीक्षण नेवादा की रेनियर मेसा पहाड़ी के 2,300 फीट नीचे किया गया था, ताकि रेडिएशन बाहर न फैल सके।

विस्फोट से चट्टानें तक पिंघल गई थी

विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि नीचे की चट्टानें पिघल गईं और जमीन एक फुट ऊपर उठकर फिर धंस गई। आज भी वहां 150 मीटर चौड़ा और 10 मीटर गहरा गड्ढा मौजूद है।

1996 में हुई ‘कम्प्रिहेंसिव न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी’ (CTBT) के तहत भूमिगत परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाई गई थी। चीन और अमेरिका दोनों ने इस पर हस्ताक्षर तो किए, लेकिन इसे अभी तक औपचारिक मंजूरी नहीं दी।

जॉर्ज बुश ने लगाई थी टेस्टिंग पर रोक

1992 के अंतिम परीक्षण के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश ने भूमिगत परमाणु परीक्षणों पर रोक की घोषणा की थी। तब से अमेरिका ने कोई पूर्ण परमाणु विस्फोट नहीं किया है। रूस और चीन ने भी 1990 के दशक के बाद से ऐसे परीक्षण रोक दिए थे।

अब ट्रम्प इसी नीति को बदलने की बात कर रहे हैं। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह आदेश वास्तविक परमाणु विस्फोट से जुड़ा है या केवल बिना विस्फोट वाले परीक्षण से संबंधित होगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि फिलहाल यह केवल तैयारी या संकेत भर है, क्योंकि अमेरिका ने CTBT पर हस्ताक्षर कर रखे हैं।

वैज्ञानिकों और सांसदों के बीच मतभेद

कुछ अमेरिकी सांसदों का मानना है कि अगर अमेरिका परीक्षण नहीं करता, तो उसकी परमाणु क्षमता कमजोर पड़ सकती है। वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि आधुनिक तकनीक से बिना विस्फोट किए भी हथियारों की जांच और रखरखाव किया जा सकता है।

2017 में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के अर्थशास्त्री कीथ मेयर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में पुराने परमाणु परीक्षणों से निकले रेडिएशन के कारण लगभग 6.9 लाख नागरिकों की मौतें या गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव हुए थे।

केवल उत्तर कोरिया ने किए हैं हाल के सालों में टेस्ट

21वीं सदी में अब तक केवल उत्तर कोरिया ने वास्तविक परमाणु परीक्षण किए हैं। अमेरिका और दक्षिण कोरिया लगातार किम जोंग उन पर दबाव बना रहे हैं कि वह परमाणु हथियार छोड़कर शांतिपूर्ण रास्ता अपनाएं।

ट्रम्प ने अपने फैसले का बचाव किया,Trumps Big Decision

ट्रम्प ने कहा, “रूस और चीन परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, हमारे पास उनसे ज्यादा हथियार हैं लेकिन हम परीक्षण नहीं करते। हमें भी ऐसा करना चाहिए।”
उन्होंने यह नहीं बताया कि टेस्टिंग कब और कहां होगी, बस इतना कहा कि “हमारे पास साइट्स तैयार हैं, जल्द घोषणा की जाएगी।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या इससे वैश्विक परमाणु तनाव बढ़ेगा, तो ट्रम्प ने कहा, “हमने इसे नियंत्रण में रखा है।” उन्होंने यह भी जोड़ा, “मैं निरस्त्रीकरण चाहता हूं, इस पर हम रूस से बात कर रहे हैं और चीन को भी इसमें शामिल किया जाएगा।”

कांग्रेस की रिसर्च सर्विस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आदेश के बाद वास्तविक परीक्षण की तैयारी में अमेरिका को करीब 24 से 36 महीने लग सकते हैं।

रूस और चीन पर नजर

हाल ही में रूस ने 21 अक्टूबर को न्यूक्लियर पावर्ड मिसाइल का टेस्ट किया था, जिस पर ट्रम्प ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि “पुतिन को युद्ध रोकने पर ध्यान देना चाहिए।”

ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं, हालांकि अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों के मुताबिक यह दावा गलत है।

‘इंटरनेशनल कैंपेन टू एबोलिश न्यूक्लियर वेपन्स’ के अनुसार रूस के पास 5,500 से अधिक परमाणु वॉरहेड हैं, जबकि अमेरिका के पास लगभग 5,044 हैं।

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