अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत कर भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा जताई है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने यूरोपीय संघ (EU) से भारत और चीन पर 100% तक टैरिफ लगाने की अपील कर सभी को चौंका दिया है।
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EU अधिकारियों से ट्रंप की अपील
वाशिंगटन में यूएस-ईयू वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के दौरान ट्रंप ने फोन पर कहा कि रूस के सबसे बड़े कच्चे तेल आयातक भारत और चीन पर 100% टैरिफ लगाया जाए। उनका कहना है कि यह कदम रूस पर युद्ध खत्म करने के लिए दबाव बढ़ाने की सामूहिक कोशिश का हिस्सा होगा। उन्होंने साफ किया कि अमेरिका कार्रवाई के लिए तैयार है, लेकिन यह तभी संभव है जब यूरोपीय देश भी इसमें साझेदारी करें।
ट्रंप का यह रुख उस समय आया है जब वे हाल ही में हमास को दी चेतावनी को लेकर चर्चा में थे।
भारत और चीन पर पहले से टैरिफ
ट्रंप पहले ही भारत पर 50% और चीन पर 30% टैरिफ लगा चुके हैं। अब उनके नए प्रस्ताव से इन दरों में और बढ़ोतरी की आशंका है। इससे दोनों देशों से होने वाले आयात पर अमेरिकी शुल्क और भी ज्यादा हो सकता है। माना जा रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में समाधान की धीमी प्रगति से ट्रंप निराश हैं, और इसी कारण वे नए आर्थिक दबाव की रणनीति अपना रहे हैं।
मोदी से रिश्तों की बात और विरोधाभासी बयान
ट्रंप ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी को “अच्छा मित्र” बताते हुए कहा था कि वे भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक बाधाओं को दूर करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि वे आने वाले हफ्तों में पीएम मोदी से बातचीत करने के इच्छुक हैं।
लेकिन यही ट्रंप भारत पर 100% टैरिफ की मांग कर रहे हैं, जिससे उनका रुख विरोधाभासी नजर आ रहा है।
रूस पर और सख्ती की तैयारी
अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने उन देशों को भी चेतावनी दी जो रूस से तेल खरीद रहे हैं। फिलहाल इस मामले में सिर्फ भारत को सेकेंडरी सैन्क्शंस का सामना करना पड़ा है।
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