वॉशिंगटन। अमेरिका की संघीय अपील अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए ज्यादातर टैरिफ कानूनों के अनुरूप नहीं हैं। अदालत ने इन टैरिफ को गैरकानूनी करार दिया, हालांकि 14 अक्टूबर तक इन्हें लागू रहने दिया ताकि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके।
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ट्रंप की आर्थिक नीति को बड़ा झटका
इस फैसले का असर ट्रंप की आर्थिक नीति पर पड़ा है। फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता से जुड़े कानूनी विवाद भी सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए तैयार हैं। इस निर्णय से ट्रंप प्रशासन के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक रणनीति को बड़ा झटका लगा है और अमेरिका में कानूनी टकराव की स्थिति पैदा हुई है।
ट्रंप का बयान और प्रतिक्रिया
अदालत के फैसले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि सभी टैरिफ अभी भी लागू हैं। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि अपील अदालत का फैसला पक्षपातपूर्ण है, लेकिन अंततः अमेरिका ही विजेता होगा। ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि ये टैरिफ हटाए गए, तो इससे अमेरिका आर्थिक रूप से कमजोर हो जाएगा।
भारत पर टैरिफ और विवाद
ट्रंप ने भारत पर पहले 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाया था जो 7 अगस्त से लागू हुआ। इसके बाद लगभग 70 अन्य देशों पर भी टैरिफ लागू किए गए। 7 अगस्त को भारत की ओर से रूसी कच्चे तेल की खरीद पर ट्रंप ने टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की।
अमेरिकी निवेश कंपनी जेफरीज का दावा है कि भारत पर लगाए गए टैरिफ ट्रंप की व्यक्तिगत नाराजगी का परिणाम हैं और ये अमेरिकी राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक हैं। कंपनी ने इसे ट्रंप के वैचारिक दिवालियापन का उदाहरण बताया।
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