🕒 Published 4 weeks ago (2:32 PM)
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक बार फिर अपने बदलते बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को शांत करने में उनकी “बड़ी भूमिका” रही है। ट्रम्प ने कहा कि दोनों देश उस वक्त परमाणु युद्ध के बेहद करीब पहुंच गए थे, लेकिन उनके प्रयासों से हालात काबू में आए।
फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रम्प ने कहा—”हालात बहुत गंभीर हो गए थे। अगला कदम क्या होता, आप जानते हैं… ‘N वर्ड’ यानी न्यूक्लियर वॉर।” ट्रम्प ने इसे अपनी विदेश नीति की सबसे बड़ी सफलताओं में गिनाया, हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्हें इसका उचित क्रेडिट नहीं मिला।
शांति के बदले ट्रेड का प्रस्ताव
पूर्व राष्ट्रपति ने बताया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को शांतिपूर्ण समाधान के बदले आपसी व्यापार को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। “अब मैं बिजनेस का इस्तेमाल हिसाब चुकता करने और शांति स्थापित करने के लिए कर रहा हूं,” ट्रम्प ने कहा।
संघर्षविराम से संतुष्ट ट्रम्प
ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौते की सराहना करते हुए कहा—”मुझे उम्मीद है कि यह समझौता जारी रहेगा। दोनों देशों के बीच जो तनाव था, वह बहुत खतरनाक था।”
सीजफायर पर ट्रम्प के पांच बयान
- 10 मई – “जंग रोकने का दावा”
“भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए राजी हो गए हैं। मैं उन्हें समझदारी से भरा फैसला लेने पर बधाई देता हूं।” - 11 मई – “कश्मीर मुद्दे पर हल निकालने की कोशिश करूंगा”
“भारत और पाकिस्तान की मजबूत लीडरशिप ने हिम्मत और समझदारी दिखाई। यह तनाव लाखों जानें ले सकता था।” - 12 मई – “मैंने परमाणु जंग रोकी”
“सीजफायर में अमेरिका की भूमिका थी। मुझे यकीन है यह स्थायी होगा।” - 13 मई – “बिजनेस के जरिए सीजफायर”
“सीजफायर के लिए मैंने व्यापार को साधन बनाया। मैं विभाजन नहीं, एकता चाहता हूं।” - 15 मई – “सीजफायर नहीं कराया, मदद की”
“मैंने सीधे मध्यस्थता नहीं की, लेकिन मैंने ज़रूर मदद की।”