देशभर में मौसम तेजी से करवट ले रहा है। दक्षिण भारत में जहां भारी बारिश और तेज हवाओं का दौर जारी है, वहीं उत्तर भारत में ठंड बढ़ने लगी है। दिल्ली-एनसीआर, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बादल छाए हुए हैं और मौसम विभाग ने आंधी के साथ बारिश की चेतावनी जारी की है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सक्रिय दो अलग-अलग सिस्टम की वजह से अगले कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है।
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दक्षिण भारत में भारी बारिश का दौर
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के कई इलाकों में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब चक्रवाती तूफान में बदलने की ओर है, जिसके कारण तटीय इलाकों में तेज हवाओं और भारी वर्षा की आशंका जताई जा रही है। इस दौरान समुद्र में ऊंची लहरें उठने की संभावना है, इसलिए मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
बिहार और झारखंड में अलर्ट जारी
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में सक्रिय सिस्टम का असर बिहार पर भी पड़ेगा। 28 से 31 अक्टूबर तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। खासकर दक्षिणी और पूर्वी बिहार के इलाकों में आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने का भी खतरा है। झारखंड के रांची, धनबाद, जमशेदपुर और गिरिडीह जैसे जिलों में भी अगले चार दिनों तक बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।
पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवात का असर
बंगाल की खाड़ी से उठे इस चक्रवाती तूफान का मुख्य असर ओडिशा और पश्चिम बंगाल में देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग ने 28 से 31 अक्टूबर के बीच दक्षिण बंगाल के जिलों—कोलकाता, हावड़ा, मेदिनीपुर, हुगली और दक्षिण 24 परगना में भारी बारिश की चेतावनी दी है। ओडिशा के पुरी, भुवनेश्वर, बालासोर और गंजाम में भी तेज हवाएं चलने और समुद्र में उथल-पुथल की संभावना है। राज्य प्रशासन ने राहत दलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
पश्चिमी भारत में भी बारिश की संभावना
महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा और कोंकण क्षेत्र में भी बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में 28 से 30 अक्टूबर के बीच गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में भी हवाओं की गति बढ़ सकती है।
उत्तर भारत में ठंड बढ़ने लगी
दिल्ली-एनसीआर में बीते कुछ दिनों से मौसम सुहावना बना हुआ है। सुबह और रात के समय हल्की ठंड का एहसास बढ़ गया है। मौसम विभाग ने मंगलवार को हल्की बारिश की संभावना जताई है। बारिश के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे ठंड का असर और बढ़ सकता है। हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में भी ठंडी हवाएं चलने लगी हैं, जिससे सर्दी धीरे-धीरे दस्तक दे रही है।
सर्दी को लेकर ताजा अपडेट
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, नवंबर के पहले सप्ताह से उत्तर भारत में सर्दी का असर और तेज होगा। इस बार सामान्य से थोड़ी अधिक ठंड पड़ने की संभावना जताई जा रही है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू होते ही मैदानों में ठंडी हवाएं और बढ़ेंगी।
लोगों को सावधानी बरतने की सलाह
मौसम विभाग ने सभी राज्यों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। तटीय इलाकों में रहने वालों से कहा गया है कि वे चक्रवाती हवाओं के दौरान घर से बाहर न निकलें। बिजली गिरने की स्थिति में खुले मैदानों या पेड़ों के नीचे जाने से बचें। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करें। वहीं, उत्तर भारत में ठंड से बचने के लिए रात के समय गर्म कपड़ों का इस्तेमाल शुरू करने की सलाह दी गई है।
प्रशासन की तैयारियां
ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है। कई जिलों में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बिहार और झारखंड में भी जिला प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखी है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम के इस बदलाव ने सर्दी के मौसम की दस्तक दे दी है। दक्षिण भारत में जहां बारिश राहत और परेशानी दोनों लेकर आई है, वहीं उत्तर भारत में ठंड का मौसम अब धीरे-धीरे स्थापित होता जा रहा है। आने वाले दिनों में यह परिवर्तन और तेज हो सकता है।
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