cold will break records, देश में इस बार तेज ठंड पड़ने की संभावना है। कारण यह है कि ऊपरी हिमालय का लगभग 86% हिस्सा समय से दो महीने पहले ही बर्फ से ढक गया है। हाल ही में आए वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण पूरे हिमालय में तापमान 2-3°C तक कम बना हुआ है, जिससे ताजा बर्फ फिलहाल पिघल नहीं रही। विशेषज्ञों के अनुसार यह संकेत अच्छा है।
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ला नीना की सक्रियता, cold will break records
इस दिसंबर, प्रशांत महासागर के तापमान के सामान्य से ठंडा होने वाली मौसमी घटना ला नीना सक्रिय हो रही है। इसके चलते भारत में सामान्य से अधिक बारिश और ठंड पड़ेगी। 4,000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में औसत तापमान माइनस 15°C या उससे भी कम रहता है। ला नीना के प्रभाव से उत्तर, मध्य और पूर्व भारत में औसत तापमान 3-4°C और गिर सकता है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में ठंड की शुरुआत
मध्य प्रदेश में ठंड ने समय से पहले दस्तक दी है। भोपाल में मिनिमम टेम्परेचर 15.8°C रिकॉर्ड हुआ, जो सामान्य से 3.6°C कम है। यह पिछले 26 साल में अक्टूबर के पहले पखवाड़े में तीसरी बार ऐसा रिकॉर्ड है।
राजस्थान में दिन-रात के तापमान में अंतर नजर आने लगा है। सीकर में रात का न्यूनतम तापमान 15°C से नीचे रिकॉर्ड हुआ।
उत्तराखंड और हिमालय में बर्फबारी
उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के ऊपरी हिस्सों पर बर्फ जमने लगी है। सिक्किम, कश्मीर, हिमाचल और नेपाल तक पूरे उच्च हिमालय में सफेद बर्फ की चादर बिछी हुई है। इस बार बर्फ का कैचमेंट एरिया भी बढ़ गया है, जिससे ग्लेशियरों की सेहत बेहतर होगी और अगले पांच साल तक नदियों के स्रोत सूखेंगे नहीं।
वैज्ञानिक आंकड़े और वैश्विक तापमान
वैज्ञानिकों के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप का औसत सतही तापमान पिछले 122 साल में 0.99°C बढ़ा है। हालांकि 2025 के अंत तक यह वृद्धि अस्थायी रूप से उलट सकती है। ला नीना के कारण वैश्विक औसत तापमान लगभग 0.2°C तक गिर सकता है।
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