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दिल्ली-एनसीआर में घनी स्मॉग की चादर, वायु गुणवत्ता अनियंत्रित

नई दिल्ली: राजधानी सहित दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह फिर से सांस लेने वाली हवा बेहद जहरीली हो गई है। ठंडी मौसम के साथ धुंध और प्रदूषण का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ताज़ा जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई (AQI) 319 दर्ज हुआ है, जिसे ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रखा गया है।

चारों ओर धुंध, दृश्यता प्रभावित

राजधानी में इतनी घनी धुंध छाई है कि लोगों को चलने-फिरने में तकलीफ हो रही है। खासकर सुबह के समय दृश्यता काफी कम थी। इस बीच-बीच में धूल-मिट्टी भी हवा में घुली नजर आ रही है। प्रमुख क्षेत्रीय मानचित्र पर स्थिति इस प्रकार रही:

  • आनंद विहार में एक्यूआई 371, ‘बहुत खराब’ श्रेणी।
  • लोधी रोड पर एक्यूआई लगभग 312।
  • आईटीओ के आसपास 160, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।
  • एनसीआर के अन्य हिस्सों में भी गाजियाबाद (लोनी) में एक्यूआई 349, नोएडा सेक्टर-62 में 309 तथा गुरुग्राम में 283 देखा गया।

स्वास्थ्य पर असर, जोखिम जारी

इस कुप्रभावित वायु ने स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियों को हवा दी है। पुरानी फेफड़ा या हृदय की समस्या वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। कुछ लोग सुबह-सवेरे निकलने से भी परहेज कर रहे हैं, खासकर बुजुर्ग और बच्चों वाले परिवार। एक सर्वे में यह पाया गया कि लगभग 42 % घरों में खाज, गला खराश तथा खांसी जैसी शिकायतें सामने आईं हैं। www.ndtv.com

कारण-परिस्थितियाँ: धुंध + निर्माण-धूल + मौसम

वायु गुणवत्ता खराब होने के पीछे अनेक कारण मौजूद हैं। ये रहे कुछ प्रमुख पहलूः

  • ठंडी रातों के बाद सुबह हवा का स्थिर होना, जिससे धुँध-धूल नीचे नहीं उतर पाती।
  • निर्माण धूल, सड़क धूल और स्थानीय उत्सर्जन का मिश्रित असर।
  • पार्श्वभूमि में पड़ोसी राज्यों से आ रही कृषि-जलन और उसकी मिश्रित धूल-धुंआ।
  • मौसम का ऐसा फेरा जिसमें हवा कम चल रही है और प्रदूषक नीचे जमा हो रहे हैं।

प्रशासन की कार्रवाई और आगे की चुनौतियाँ

प्रदूषण नियंत्रण के लिए विभिन्न उपाय सक्रिय किए गए हैं। जैसे- पानी छिड़काव यंत्र तैनात किए गए हैं तथा धूल कम करने पर जोर दिया गया है। इसके बावजूद, हवा की गुणवत्ता में जल्द सुधार नहीं दिख रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के प्रदूषण-उत्पादक व्यवहारों को रोकना, निर्माण धूल पर नियंत्रण रखना तथा कृषि-जलन पर सख्त नज़र रखना आवश्यक है।

आगे क्या होगा?

मौसम-मौसम पर वायु गुणवत्ता में उतार-चढ़ाव बहुत आएगा। यदि हवाओं का बल बना रहा और बारिश मिली तो कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन अभी की स्थिति यह संकेत देती है कि आने वाले कुछ दिनों तक ‘बहुत खराब’ श्रेणी बनी रह सकती है। नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि सुबह-सवेरे बाहर निकलने से बचें, मास्क पहनें और यदि संभव हो तो वायु शोधक यंत्र (एयर प्यूरीफायर) का उपयोग करें।

निष्कर्ष

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का आज का स्तर चिंता का विषय है। हवा में घुली स्मॉग और प्रदूषण ने सामान्य जीवन को अस्थिर कर दिया है। प्रशासन और नागरिकों दोनों को मिलकर इस समस्या से लड़ना होगा क्योंकि ये सिर्फ एक-दो दिन की समस्या नहीं—यह सर्दियों की लगातार चुनौतियों में से एक है।

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