🕒 Published 3 months ago (12:16 PM)
नई दिल्ली। Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। हर ओर आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है। इस बीच, केंद्र सरकार के कटु आलोचक माने जाने वाले विपक्ष के तीन बड़े नेताओं ने आतंकवाद पर जो रुख अपनाया है, उसने सभी का ध्यान खींचा है। उमर अब्दुल्ला, असदुद्दीन ओवैसी और शशि थरूर ने आतंकवाद की खुलकर निंदा की है और उनके बयान सोशल मीडिया पर काफी सराहे जा रहे हैं।
शशि थरूर ने आतंकियों को चेताया, कार्रवाई की मांग की
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने साफ शब्दों में कहा कि आतंकियों को यह समझ लेना चाहिए कि अब ऐसी हरकतों की कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा, “अब वो समय नहीं रहा जब आप हमला करके बच निकलें। अगर जवाब नहीं दिया गया, तो ऐसी घटनाएं दोहराई जाएंगी।”
थरूर ने यह भी कहा कि भले ही खुफिया तंत्र की कुछ चूकें रही हों, लेकिन यह वक्त आरोप लगाने का नहीं है। उन्होंने इजरायल का उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया की सबसे मजबूत खुफिया एजेंसी भी चूक सकती है। जवाबदेही की बात बाद में की जा सकती है।
ओवैसी ने भी पाकिस्तान पर साधा निशाना
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी, जो आमतौर पर मोदी सरकार के मुखर आलोचक रहते हैं, इस आतंकी हमले के मुद्दे पर सरकार के साथ खड़े नजर आए। उन्होंने न सिर्फ पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया बल्कि शुक्रवार की नमाज से पहले काली पट्टी पहनकर विरोध भी जताया।
ओवैसी ने कहा, “पाकिस्तान अगर परमाणु शक्ति की बात करता है, तो यह न भूले कि निर्दोषों की हत्या पर भारत कभी चुप नहीं रहेगा। यह धर्म की नहीं, आतंकवाद की भाषा है। आपने तो ISIS जैसी हरकत की है।” उन्होंने बिलावल भुट्टो को भी याद दिलाया कि आतंकवाद ने उनकी मां बेनजीर भुट्टो की जान ली थी।
उमर अब्दुल्ला ने दिखाई राजनीतिक परिपक्वता
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जो लंबे समय से केंद्र सरकार की नीतियों के आलोचक रहे हैं, उन्होंने भी इस आतंकी हमले को “घृणास्पद” करार दिया। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट में उन्होंने हमले की निंदा करते हुए शांति और एकजुटता की अपील की।
उनकी पार्टी ने भी हमले के बाद हालात को संभालने में केंद्र सरकार से सहयोग किया है। उमर ने यह भी आग्रह किया कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करते समय आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।