अगर आप नजर का चश्मा पहनते हैं और उसमें खरोंच (स्क्रैच) आ गए हैं, फिर भी आप उसे रोज़ाना इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ज़रा सावधान हो जाइए। स्क्रैच वाले लेंस न केवल आपकी दृष्टि को प्रभावित करते हैं, बल्कि आंखों की सेहत पर भी गंभीर असर डाल सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे चश्मे पहनने से होने वाले नुकसान और उनसे बचने के उपाय:
विषयसूची
1. धुंधली और असपष्ट दृष्टि
चश्मे के लेंस पर खरोंच पड़ने से रोशनी ठीक से आंखों तक नहीं पहुंच पाती, जिससे देखने में धुंधलापन और फोकस करने में दिक्कत होती है।
2. आंखों पर अतिरिक्त दबाव
स्क्रैच की वजह से आंखों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे आंखों में जलन, थकान और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. ग्लेयर और रिफ्लेक्शन की परेशानी
रात में वाहन चलाते समय या मोबाइल-लैपटॉप स्क्रीन देखते वक्त स्क्रैच वाले लेंस रोशनी को बिखेरते हैं, जिससे तेज चमक (ग्लेयर) और रिफ्लेक्शन बढ़ता है और देखना मुश्किल हो जाता है।
4. लगातार सिरदर्द या माइग्रेन
यदि स्क्रैच लेंस के सेंटर पर है, तो नजर केंद्रित करने में परेशानी होती है। इससे लगातार सिरदर्द या माइग्रेन हो सकता है।
5. लेंस की कोटिंग को नुकसान
यदि लेंस पर ऐंटी-रिफ्लेक्टिव या यूवी प्रोटेक्शन कोटिंग है, तो स्क्रैच इसकी प्रभावशीलता को घटा देता है और आंखों की सुरक्षा कम हो जाती है।
ऐसे रखें अपनी आंखों का ध्यान:
- लेंस समय-समय पर बदलवाएं, जब उनमें खरोंच आ जाएं।
 - माइक्रोफाइबर कपड़े से ही चश्मे की सफाई करें।
 - स्क्रैच-रेसिस्टेंट या हार्ड कोटेड लेंस का चुनाव करें।
 - चश्मे को सही से स्टोर और संभालें, जैसे सॉफ्ट केस में रखें और उल्टा न रखें।
 
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