पटना। बिहार में महागठबंधन के तहत सीटों के आधिकारिक बंटवारे की घोषणा से पहले ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने चुनावी मैदान में उतरने की कवायद शुरू कर दी है। पार्टी ने अपने आठ सिटिंग विधायकों को चुनाव चिन्ह (सिंबल) सौंप दिया है ताकि वे पहले चरण में नामांकन कर सकें।
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विधायकों को सौंपा गया सिंबल
सूत्रों के अनुसार, सोमवार को माले की ओर से आठ निर्वाचित विधायकों को पार्टी का सिंबल सौंपा गया है। ये सभी विधायक 15 और 16 अक्टूबर को नामांकन प्रक्रिया में भाग लेंगे। पार्टी का कहना है कि महागठबंधन के अंतर्गत मिलने वाली सीटों को लेकर लगभग सहमति बन चुकी है और बाकी की औपचारिक घोषणा दो दिनों के भीतर कर दी जाएगी।
15 और 16 अक्टूबर को नामांकन
मंगलवार यानी 15 अक्टूबर को पालीगंज से संदीप सौरभ, अरवल से महानंद सिंह, जीरादेई से अमरजीत कुशवाहा, दरौली से सत्यदेव राम और दरौंधा से अमरनाथ यादव नामांकन करेंगे। वहीं, फुलवारी से गोपाल रविदास, दीघा से दिव्या गौतम और डुमरांव से अजीत कुशवाहा भी इसी दिन अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
इसके अलावा, 16 अक्टूबर को घोसी से रामबलि सिंह यादव अपना पर्चा भरेंगे। माले ने अपने सभी 12 सिटिंग विधायकों को दोबारा मैदान में उतारने का निर्णय लिया है, जो पार्टी के संगठनात्मक भरोसे को दर्शाता है।
गठबंधन में सीटों पर बनी सहमति
माले के राज्य कार्यसमिति के एक सदस्य के अनुसार, महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। हालांकि, सीटों की सार्वजनिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन माले ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है और नामांकन की अंतिम तिथि को देखते हुए कदम तेजी से उठाए हैं।
इस बार माले के साथ भाकपा और माकपा भी अपने पुराने उम्मीदवारों पर दांव लगाने की रणनीति बना रही हैं। ऐसे में गठबंधन की एकजुटता और तालमेल पर भी सबकी नजरें टिकी हैं।
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