🕒 Published 4 months ago (2:32 AM)
महाराष्ट्र के नासिक में बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक नई सियासी रणनीति अपनाई। पार्टी की खोई हुई ज़मीन फिर से हासिल करने के प्रयास में उद्धव ने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से तैयार की गई आवाज़ में भाषण सुनवाकर माहौल गर्मा दिया। भाषण की शुरुआत बालासाहेब की आवाज में “मेरे सभी हिंदू भाई, बहन और माताएं यहां एकत्रित हैं” जैसे शब्दों से हुई, जिससे सभा में बैठे हजारों कार्यकर्ताओं में जोश की लहर दौड़ गई।
BJP ने बोला हमला
इस पूरे घटनाक्रम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने उद्धव के इस कदम को “बचकानी हरकत” बताते हुए कहा कि “जब आपकी अपनी आवाज़ नहीं चलती, तब आप दूसरों की आवाज़ उधार लेते हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे उसी विचारधारा के साथ खड़े हैं, जिसके खिलाफ बालासाहेब ने जीवनभर संघर्ष किया। यदि बालासाहेब आज जीवित होते, तो ऐसे लोगों को “लात मारते”, उन्होंने जोड़ा।
बावनकुले ने उद्धव ठाकरे गुट को लताड़ते हुए कहा, “लानत है उन पर जो बालासाहेब की आवाज़ का इस्तेमाल उनकी विचारधारा के विरोध में कर रहे हैं। यह सिर्फ एक राजनीतिक नौटंकी है।”
AI भाषण में मोदी और बीजेपी पर वार
AI तकनीक से तैयार बाल ठाकरे की आवाज में दिए गए भाषण में न केवल भावनात्मक अपील थी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर तीखा हमला भी किया गया। बालासाहेब की आवाज़ में कहा गया, “जब आप कहेंगे ‘ओह नासिक’, तो भीड़ जयकार करेगी… नासिक और शिवसेना का रिश्ता आत्मीय है – यह रिश्ता वैसा नहीं जैसा नरेंद्र मोदी समझते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “कमलाबाई एक पाखंडी है… हमने बीजेपी को महाराष्ट्र में सहारा दिया, लेकिन अब समय आ गया है उन्हें कंधा देने का।”
उद्धव ठाकरे का पलटवार
उद्धव ठाकरे ने इस मंच से साफ किया कि उन्होंने हिंदुत्व की विचारधारा का त्याग नहीं किया है, लेकिन भाजपा द्वारा पेश किया गया हिंदुत्व उन्हें मंजूर नहीं। उन्होंने कहा, “मैं मरते दम तक हिंदुत्व नहीं छोड़ूंगा, लेकिन बीजेपी का सड़ा हुआ हिंदुत्व स्वीकार्य नहीं है।” उद्धव ने यह भी मांग रखी कि मुंबई स्थित राजभवन परिसर को छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक घोषित किया जाए और राज्यपाल आवास को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए।
इस सियासी घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है। एक ओर उद्धव ठाकरे AI की मदद से बाल ठाकरे की विरासत को जिंदा करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं भाजपा इसे “राजनीतिक ढकोसला” और “विचारधारा से गद्दारी” करार दे रही है।