तेलंगाना सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल और डेंटल कॉलेज प्रवेश को लेकर बड़ा फैसला मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि राज्य कोटे (Domicile Quota) का लाभ केवल उन्हीं छात्रों को मिलेगा जिन्होंने तेलंगाना में कक्षा 12 तक लगातार अंतिम चार साल पढ़ाई की हो। CJI बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने तेलंगाना हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए राज्य सरकार के नियम को बरकरार रखा।
इससे पहले, हाई कोर्ट ने कहा था कि डोमिसाइल कोटा पाने के लिए छात्रों को लगातार चार साल तेलंगाना में पढ़ने या रहने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और अधिवक्ता श्रीवन कुमार कर्णम ने पैरवी की। उनका तर्क था कि राज्य के स्थायी निवासियों को केवल इसलिए प्रवेश लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि उन्होंने कुछ समय राज्य से बाहर पढ़ाई की है।
सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त को इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुनाया गया। इस आदेश से अब तेलंगाना में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की सीटें उन्हीं छात्रों को मिलेंगी जिन्होंने राज्य में लगातार चार साल शिक्षा प्राप्त की है। यह फैसला तेलंगाना के हजारों छात्रों के हित में माना जा रहा है क्योंकि अब अन्य राज्यों से आने वाले छात्रों को राज्य कोटे का लाभ नहीं मिल पाएगा।
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