🕒 Published 1 month ago (4:05 PM)
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य में सियासी तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने पटना के गांधी मैदान में ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ रैली को संबोधित किया। रैली के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून को नकारने की बात कही, जिस पर अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखा पलटवार किया है।
गौरव भाटिया का हमला – “देश को इस्लामिक मुल्क बनाने की साजिश”
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी पर करारा हमला बोला। भाटिया ने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन की मंशा देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने और शरिया कानून लागू करने की है। उन्होंने कहा, “मौलाना तेजस्वी यादव संविधान की ABCD तक नहीं जानते और ऐसे लोग शरिया की बातें कर रहे हैं। भारत का संविधान सर्वोच्च है और यहां शरीयत नहीं चलेगा।”
भाटिया ने कहा कि RJD की राजनीति सिर्फ मुस्लिम तुष्टीकरण तक सीमित है और इसी के जरिए वे सत्ता में लौटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि आरजेडी अगले 50 साल तक बिहार की सत्ता में नहीं लौट सकेगी।
“शरिया वाले पाकिस्तान चले जाएं”
बीजेपी प्रवक्ता ने आगे तीखा बयान देते हुए कहा, “जो लोग शरिया की बात करते हैं, वे पाकिस्तान चले जाएं। भारत बाबा साहेब अंबेडकर का देश है, यहां संविधान की मर्यादा सर्वोपरि है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए कहा कि वे जल्द ही बिहार चुनाव के प्रचार अभियान में शामिल होंगे और ‘शरिया समर्थकों’ को जनता जवाब देगी।
तेजस्वी यादव पर व्यक्तिगत हमला – “नवीं फेल”
गौरव भाटिया ने तेजस्वी यादव की शैक्षणिक योग्यता पर भी हमला बोला और उन्हें “नवीं फेल” बताया। उन्होंने कहा, “एक ऐसा व्यक्ति जो नौवीं कक्षा भी पास नहीं कर सका, वह आज देश के कानून को कूड़ेदान में फेंकने की बात कर रहा है। यह संविधान का अपमान है।”
तेजस्वी यादव का बयान – “वक्फ अधिनियम को खारिज करेंगे”
गौरतलब है कि रविवार को तेजस्वी यादव ने गांधी मैदान में आयोजित रैली में कहा था कि यदि बिहार में विपक्षी दलों का गठबंधन सरकार बनाता है, तो वह वक्फ अधिनियम को नकार देगा। उन्होंने इस कानून को मुसलमानों के अधिकारों पर हमला बताया और दावा किया कि इसे अल्पसंख्यकों की संपत्ति को छीनने के लिए लाया गया है।
सियासी संदेश और चुनावी रणनीति
तेजस्वी यादव का वक्फ कानून के खिलाफ खड़ा होना साफ तौर पर मुस्लिम मतदाताओं को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। वहीं बीजेपी इस बयान को राष्ट्रवाद और संविधान की रक्षा के मुद्दे से जोड़कर हिंदू वोटरों को गोलबंद करने की रणनीति में लग गई है।