जींद। सिर्फ 17 साल की उम्र में जहां अधिकतर बच्चे कॉलेज के सपने देख रहे होते हैं, वहीं कंचन नाथ नाम की एक किशोरी सांसारिक जीवन को त्यागकर साध्वी बन चुकी हैं। चिलचिलाती धूप में अग्नि तपस्या करती इस साध्वी की तस्वीरें और वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। करोड़ों की संपत्ति की मालकिन होते हुए भी कंचन नाथ साधना में लीन हैं, जिससे हर कोई हैरान है।
हर दिन सवा घंटे की तपस्या
जींद जिले की नरवाना तहसील के गांव ढाकल में स्थित काली माता मंदिर में साध्वी कंचन नाथ हर दिन दोपहर 12 बजे से लेकर 1:15 बजे तक नौ अग्निधूणों के बीच बैठकर तपस्या करती हैं। तपस्या के दौरान उनके शरीर पर राख मिला हुआ जल डाला जाता है और उनके सिर पर गीला कपड़ा रखा जाता है ताकि जटाएं सुरक्षित रहें।
41 दिनों तक चल सकती है साधना
योगीराज नाथ, जो कंचन नाथ के गुरु हैं, ने बताया कि उनकी यह शिष्या आगामी 12 वर्षों तक हर ज्येष्ठ माह में अग्नि तपस्या करेंगी। 14 मई से शुरू हुई यह साधना पहले 31 दिन की थी, लेकिन अब वह इसे बढ़ाकर 41 दिनों तक करना चाहती हैं।
नोएडा में हुआ जन्म, बचपन से आश्रम में जीवन
कंचन नाथ का जन्म उत्तर प्रदेश के नोएडा में हुआ था। उनके पिता की मृत्यु तब हो गई थी जब वह मां के गर्भ में थीं। कुछ साल बाद मां का भी निधन हो गया। महज साढ़े पांच साल की उम्र में उन्हें नरवाना के एक आश्रम में लाया गया, जहां से उनका आध्यात्मिक जीवन शुरू हुआ।
पढ़ाई के साथ साधना
कंचन नाथ वर्तमान में 12वीं कक्षा की स्वयं पाठी छात्रा हैं। कक्षा 4 तक की शिक्षा उन्होंने आश्रम में प्राप्त की थी, उसके बाद छात्रावास में रहकर आगे की पढ़ाई कर रही हैं।
करोड़ों की संपत्ति की उत्तराधिकारी
योगीराज नाथ ने उन्हें अपनी गद्दी का उत्तराधिकारी घोषित किया है। साथ ही, उन्होंने अपने तीन शिव मंदिर और उससे जुड़ी जमीन भी कंचन नाथ के नाम कर दी है, जिससे वे करोड़ों की मालकिन बन चुकी हैं। बावजूद इसके, उनका जीवन पूर्णतः साध्वी और तपस्विनी का है।
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