🕒 Published 2 months ago (8:38 AM)
Karnataka : कर्नाटक के दावणगेरे से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। यहां एक मुस्लिम महिला को भीड़ ने मस्जिद के बाहर तालिबानी अंदाज़ में पीट-पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
क्या था मामला?
जानकारी के अनुसार, घटना 9 अप्रैल की है। पीड़ित महिला शबीना के घर पर दो दिन पहले 7 अप्रैल को उसकी रिश्तेदार नसरीन और एक पुरुष फैयाज मिलने आए थे। तीनों कुछ देर के लिए बाहर भी गए। जब शबीना का पति जमील उर्फ शमीर घर लौटा और उन्हें साथ देखा, तो उसने गुस्से में आकर मस्जिद कमेटी से इसकी शिकायत कर दी।
9 अप्रैल को मस्जिद के बाहर शबीना को बुलाया गया। वहां जमा भीड़ ने महिला को लाठी, डंडों, पाइप और यहां तक कि पत्थरों से भी मारा। वीडियो में यह भी देखा गया कि महिला के सिर को पत्थर से कुचलने की कोशिश की गई। पूरी घटना को एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।
पुलिस ने दर्ज किया केस, 6 गिरफ्तार
वीडियो वायरल होते ही दावणगेरे पुलिस ने तेज़ी से कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। चन्नगिरी थाने में एफआईआर क्रमांक 202/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सभी आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिसमें हत्या की कोशिश, साजिश और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की धाराएं शामिल हैं।
कट्टरपंथ पर उठे सवाल
यह घटना न सिर्फ महिला की व्यक्तिगत आज़ादी पर हमला है, बल्कि समाज में पनपती कट्टर सोच को भी उजागर करती है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में भी एक बुरका पहनी मुस्लिम महिला को इसलिए परेशान किया गया क्योंकि वह एक हिंदू युवक के साथ बाइक पर जा रही थी। उस मामले में भी पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था।
क्या सिर्फ गिरफ्तारी ही काफी है?
इस तरह की घटनाएं कई गंभीर सवाल खड़े करती हैं – क्या हमारा समाज अब भी महिला की स्वतंत्रता और गरिमा को समझने को तैयार नहीं है? क्या केवल गिरफ्तारी से ऐसे मानसिकता में बदलाव आएगा? यह सोचने और समाज के हर वर्ग को आत्ममंथन करने का समय है।