News

बांग्लादेश में हिंसा का शिकार हुआ टैगोर का घर: कट्टरपंथियों ने तोड़ी ‘आमार सोनार बांग्ला’ के रचयिता की धरोहर

बांग्लादेश। नोबेल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ के रचयिता रबीन्द्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हिंसक हमला हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश के सिराजगंज जिले के शहजादपुर स्थित कचहरीबाड़ी में उग्र भीड़ ने टैगोर म्यूजियम पर हमला कर तोड़फोड़ की है। बताया जा रहा है कि यह हमला एक पार्किंग विवाद के बाद भड़की भीड़ द्वारा किया गया, जिसमें कट्टरपंथी मुस्लिम तत्व शामिल थे।

टैगोर का घर बना भीड़ का निशाना

कचहरीबाड़ी वही ऐतिहासिक स्थान है जहां टैगोर ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्षों में ना सिर्फ अपने पिता की जमींदारी का प्रबंधन किया, बल्कि साहित्य, संगीत और कविता की दिशा में भी महत्वपूर्ण रचनाएं कीं। यही वह स्थान है जहां ‘आमार सोनार बांग्ला’ जैसी रचना जन्मी, जो आज बांग्लादेश का राष्ट्रगान है। लेकिन अब उसी घर को उग्र दंगाइयों ने नुकसान पहुंचाया, जिसे बांग्लादेश की सांस्कृतिक धरोहर माना जाता है।

कैसे भड़की हिंसा? जानिए वजह

जानकारी के मुताबिक 8 जून 2025 को एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ कचहरीबाड़ी घूमने आया था। पार्किंग फीस को लेकर उसका विवाद वहां के सुरक्षाकर्मियों और देखरेख कर रहे अधिकारियों से हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि उस व्यक्ति को कथित रूप से बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की गई। यह घटना स्थानीय लोगों में आक्रोश का कारण बनी।

इसके बाद 10 जून को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। देखते ही देखते भीड़ उग्र हो गई और टैगोर म्यूजियम के सभागार पर हमला बोल दिया। न सिर्फ तोड़फोड़ की गई, बल्कि संस्था के निदेशक की भी पिटाई कर दी गई। इस दौरान टैगोर की धरोहर को काफी नुकसान पहुंचा।

जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित

इस पूरी घटना के बाद पुरातत्व विभाग ने गंभीरता दिखाते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। कचहरीबाड़ी के संरक्षक मोहम्मद हबीबुर रहमान ने बताया कि “अपरिहार्य परिस्थितियों” के चलते म्यूजियम को फिलहाल आगंतुकों के लिए बंद कर दिया गया है। समिति को पांच कार्य दिवसों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। कचहरीबाड़ी की सुरक्षा और पुनरुद्धार की जिम्मेदारी फिलहाल विभाग ने अपने हाथ में ले ली है।

टैगोर की रचनाओं की भूमि पर हमला, सांस्कृतिक क्षति

शहजादपुर स्थित कचहरीबाड़ी न सिर्फ टैगोर परिवार की जमींदारी का केंद्र रहा, बल्कि यहीं से रबीन्द्रनाथ टैगोर ने ग्रामीण जीवन, प्रकृति और सामाजिक बदलाव की प्रेरणा ली। यहीं उन्होंने पद्मा नदी की सुंदरता से प्रेरित होकर कई कविताएं लिखीं और रबीन्द्र संगीत की नींव रखी।

टैगोर के साहित्य, संगीत और विचारधारा की यह ऐतिहासिक भूमि आज कट्टरता की भेंट चढ़ गई है। जिस व्यक्ति ने बांग्लादेश को उसका राष्ट्रगान दिया, आज उसी की स्मृति और विरासत पर हमला किया गया है। यह न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नुकसान है, बल्कि बांग्लादेश की आत्मा पर भी चोट है।

Rita Sharma

Recent Posts

Israel Vs Iran War: जहन्नुम के दरवाजे खोलने की धमकी के बाद शुरू हुआ बड़ा हमला, जानिए अब तक के घटनाक्रम

Israel Vs Iran War: मध्य पूर्व में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। ईरान…

2 hours ago

Horoscope of 14 June 2025: शनिवार बना सौभाग्यशाली – आज मिलेगा मेहनत का मनचाहा फल!

🔮 मेष राशि (21 मार्च – 19 अप्रैल) आज आपकी ऊर्जा का स्तर ऊँचा रहेगा।…

6 hours ago

हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, बकाया बिल पर ब्याज माफ और छूट

हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। रोहतक जिले के महम में…

14 hours ago

पेट्रोल-डीजल हो सकता है महंगा, 10% चढ़ा भाव

मध्य-पूर्व में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब सिर्फ सीमा पर…

15 hours ago

Air India Plane Crash: मलबे से मिला DVR, जांच में बनेगा अहम सुराग

शुक्रवार को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में एक बड़ी कामयाबी…

17 hours ago