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Stock Market Today: शेयर बाजार में जोरदार तेजी, सेंसेक्स 1,005 अंक चढ़कर 80,218 पर बंद, अदाणी ग्रुप के शेयरों में भी उछाल

सोमवार, 28 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखी गई। प्रमुख सूचकांकों में मजबूती आई और बाजार ने पिछली गिरावट से जोरदार वापसी की। सेंसेक्स 1,005 अंक (1.27%) की तेजी के साथ 80,218 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 289 अंक (1.20%) चढ़कर 24,328 पर बंद हुआ। इस दौरान बैंकिंग, मेटल और फार्मा सेक्टर के शेयरों में खासा उछाल देखा गया, जबकि FMCG और IT शेयरों में दबाव रहा। बीते सप्ताह की गिरावट के बाद आई तेजी शेयर बाजार ने 25 अप्रैल को गिरावट का सामना किया था, जब सेंसेक्स 589 अंक (0.74%) गिरकर 79,212 के स्तर पर बंद हुआ था और निफ्टी में भी 207 अंक (0.86%) की गिरावट आई थी। हालांकि, सोमवार को बाजार ने शानदार वापसी की और तेज़ी से लाभ कमाया। बाजार की शुरुआत सकारात्मक रही सोमवार की सुबह मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार बढ़त के साथ खुले। शुरुआती कारोबार में पीएसयू बैंक और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में भारी खरीदारी देखी गई। लगभग 9:30 बजे, सेंसेक्स 400.7 अंक (0.51%) बढ़कर 79,613.28 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 88.65 अंक (0.37%) चढ़कर 24,128.00 पर था। अदाणी ग्रुप के शेयरों में भी उछाल सोमवार को अदाणी ग्रुप के शेयरों में भी तेजी देखने को मिली। प्रमुख अदाणी कंपनियों के शेयरों में वृद्धि दर्ज की गई: अदाणी एंटरप्राइजेज ₹2,369.80 पर बंद हुआ, जो ₹15.50 (0.66%) की मामूली बढ़त दर्शाता है। अदाणी ग्रीन एनर्जी ₹941.00 पर बंद हुआ, जिसमें ₹28.45 (3.12%) की बड़ी वृद्धि हुई। अदाणी टोटल गैस ₹617.00 पर बंद हुआ, जिसमें ₹17.00 (2.83%) का इजाफा हुआ। अदाणी पोर्ट्स ₹1,209.90 पर बंद हुआ, जो ₹16.90 (1.42%) की बढ़त दिखाता है। अदाणी पावर ₹552.75 पर बंद हुआ, जिसमें ₹3.40 (0.62%) की मामूली वृद्धि हुई। अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ₹925.30 पर बंद हुआ, जिसमें ₹10.95 (1.20%) की बढ़त देखी गई। विश्लेषकों की राय विश्लेषकों के मुताबिक, भारतीय शेयर बाजार गिफ्ट निफ्टी के रुझानों के आधार पर मजबूती के साथ खुलने के लिए तैयार थे, जहां निफ्टी के लिए लगभग 110 अंकों का गैप-अप दिखा। यह सकारात्मक रुख पिछले शुक्रवार की अस्थिरता के बाद आया, जब भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में 0.5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी। वैश्विक बाजारों का प्रभाव अमेरिकी बाजारों में डाउ जोंस 0.05% बढ़कर 40,113.50 पर बंद हुआ, जबकि एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.74% चढ़कर 5,525.21 पर बंद हुआ। नैस्डैक में भी 1.26% की बढ़त हुई और यह 17,382.94 पर बंद हुआ। एशियाई बाजारों में चीन को छोड़कर बाकी के देशों जैसे जकार्ता, बैंकॉक, सोल, हांगकांग, और जापान में शेयर बाजार हरे निशान में थे। कुल मिलाकर, भारतीय शेयर बाजार ने सोमवार को मजबूती से वापसी की और कई प्रमुख सेक्टरों में सकारात्मक रुझान देखा गया।

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Stock Market Crash: सेंसेक्स में ऐतिहासिक गिरावट! क्या ट्रंप के नए टैरिफ से भारत को होगा भारी नुकसान?

Stock Market Crash: अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने के फैसले के बाद वैश्विक बाजारों में जबरदस्त हलचल मच गई है। इस फैसले का सबसे अधिक असर एशियाई देशों पर पड़ा है, खासकर भारत, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। भारत में भी सोमवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। भारतीय शेयर बाजार को भारी झटका सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखी गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 3900 अंकों तक लुढ़क गया, जो करीब 5.22% की गिरावट थी। हालांकि, कारोबार के अंत तक यह थोड़ा संभला और 2226 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसी तरह, निफ्टी भी 1100 अंकों तक गिरने के बाद 742 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस गिरावट के चलते निवेशकों के करीब 20 लाख करोड़ रुपये डूब गए। एशियाई बाजारों पर भी पड़ा असर ट्रंप के टैरिफ के कारण चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भी शेयर बाजार धड़ाम हो गए। शंघाई, टोक्यो और सिडनी के बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई। बाजार विशेषज्ञों ने इस दिन को ‘ब्लैक मंडे’ करार दिया, क्योंकि कई देशों में स्टॉक मार्केट ‘ब्लडबाथ’ (खूनखराबा) की स्थिति में पहुंच गए। ट्रंप के टैरिफ से इतनी बड़ी गिरावट क्यों? अमेरिका का यह नया आयात शुल्क एशियाई देशों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। भारत, चीन, वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देश अपने आर्थिक विकास के लिए निर्यात पर निर्भर हैं और अमेरिका इनका सबसे बड़ा बाजार है। ट्रंप के इस फैसले के कारण अब इन देशों के उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स लगने से उनकी कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे निर्यात को झटका लग सकता है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय के पूर्व उप मंत्री फ्रैंक लाविन का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ का सबसे अधिक असर एशियाई देशों पर ही पड़ेगा, क्योंकि यहां के उद्योग अमेरिका को बड़े पैमाने पर निर्यात करते हैं। अमेरिका में भी मंदी की आशंका बढ़ी ट्रंप के इस फैसले से न केवल एशियाई बाजार प्रभावित हुए हैं, बल्कि अमेरिका में भी मंदी की आशंका गहराने लगी है। जेपी मॉर्गन के मुताबिक, अमेरिका में मंदी की संभावना अब 60% तक पहुंच गई है। गोल्डमैन सैक्स ने भी मंदी की आशंका 45% तक बढ़ने की बात कही है। क्या भारत भी जवाबी टैरिफ लगाएगा? भारत की नीति हमेशा बातचीत और कूटनीतिक हल निकालने की रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी भारत ने निष्पक्ष रुख अपनाया था और इसका फायदा उठाया। इसी तरह, ट्रंप के टैरिफ पर भी भारत सीधे जवाबी कार्रवाई करने के बजाय अमेरिका के साथ बातचीत कर समझौता करने की रणनीति अपनाएगा, ताकि भारतीय उद्योगों पर प्रभाव कम से कम पड़े। आगे क्या? विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार में यह अस्थिरता कुछ और दिनों तक बनी रह सकती है। निवेशकों को जल्दबाजी में फैसले लेने के बजाय बाजार के स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए। भारत सरकार भी आर्थिक नीतियों को संतुलित करने के लिए कदम उठा सकती है, जिससे घरेलू बाजार पर इसका प्रभाव कम किया जा सके।

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