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टीवी चैनलों पर ‘एयर रेड सायरन’ बजाना बैन, गृह मंत्रालय का सख्त निर्देश

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के आगाज़ के साथ ही टीवी चैनलों पर लगातार बज रहे ‘एयर रेड सायरन’ की आवाज अब नहीं सुनाई देगी। गृह मंत्रालय के नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने इस पर रोक लगा दी है। मंत्रालय के अधीन Directorate General Fire Service, Civil Defence & Home Guards ने सभी समाचार और मनोरंजन चैनलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे “सिविल डिफेंस एयर रेड सायरन” की ध्वनि का प्रयोग किसी भी प्रसारण में न करें। जनता में भ्रम और सुरक्षा प्रतिक्रिया पर असर की आशंका निर्देश में कहा गया है कि बार-बार सायरन की आवाज प्रसारित करने से आम जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। साथ ही, अगर भविष्य में कोई वास्तविक खतरा उत्पन्न होता है, तो लोग सायरन की गंभीरता को हल्के में ले सकते हैं, जिससे प्रतिक्रिया की संवेदनशीलता और प्रभावशीलता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। सिविल डिफेंस एक्ट 1968 के तहत जारी हुआ आदेश यह निर्देश सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 की धारा 3(1)(w)(i) के तहत लागू किया गया है। इसके तहत अब किसी भी समाचार बुलेटिन, विशेष रिपोर्ट या मनोरंजन कार्यक्रम में सायरन का उपयोग करना सख्त रूप से प्रतिबंधित होगा। मीडिया संस्थानों को भेजा गया नोटिस मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों को इस संबंध में नोटिस भेज दिया है और नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इस फैसले का उद्देश्य है कि जनता को सही और सतर्क जानकारी दी जाए, न कि डर और भ्रम के माहौल में डाला जाए।

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National Herald Case : कोर्ट ने सोनिया-राहुल को नोटिस जारी किया, 8 मई को अगली सुनवाई

National Herald Case : नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई हुई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 मई 2025 तय की है। ईडी ने चार्जशीट में लगाए गंभीर आरोप प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 9 अप्रैल को इस केस में पहली चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया गया था। यह मामला नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़ा है। 25 अप्रैल को कोर्ट ने रोक दिया था नोटिस 25 अप्रैल को सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था। अदालत का कहना था कि चार्जशीट में कुछ जरूरी दस्तावेजों की कमी है और बिना आरोपियों का पक्ष सुने नोटिस नहीं दिया जा सकता। अदालत ने निष्पक्ष सुनवाई पर दिया जोर कोर्ट ने कहा कि हर आरोपी को सुनवाई का अधिकार है और निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करना न्यायालय की जिम्मेदारी है। इसी आधार पर ईडी को निर्देश दिया गया है कि वे चार्जशीट में छूटे हुए सभी दस्तावेज जल्द से जल्द जमा करें। ईडी ने कहा- ‘कुछ भी नहीं छुपा रहे’ ईडी ने अदालत को आश्वस्त किया कि वह पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और कोई दस्तावेज़ जानबूझकर छिपाया नहीं गया है। एजेंसी ने यह भी मांग की कि कार्यवाही में देरी न हो, इसलिए जल्द से जल्द नोटिस जारी किया जाए।

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