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पेट्रोल 120 रुपये लीटर के पार? ईरान की चेतावनी से मंडराया तेल संकट का खतरा

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी उछाल की आशंका है। इसकी वजह है दुनिया के सबसे अहम तेल ट्रांजिट पॉइंट, स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़ को लेकर ईरान की चेतावनी। अगर यह समुद्री मार्ग बंद होता है, तो भारत समेत दुनियाभर में तेल आपूर्ति पर गहरा असर पड़ेगा, और पेट्रोल की कीमत ₹120 प्रति लीटर तक पहुंच सकती है। संकट की जड़: क्यों अहम है स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़? फारस की खाड़ी और अरब सागर को जोड़ने वाला 33 किलोमीटर चौड़ा स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़ दुनिया का सबसे व्यस्त तेल ट्रांजिट पॉइंट है। वैश्विक कच्चे तेल का करीब 25% हिस्सा यहीं से गुजरता है। भारत के लिए यह और अहम हो जाता है क्योंकि देश का लगभग 40% कच्चा तेल इसी मार्ग से आता है। ईरान की संसद ने हाल ही में अमेरिकी सैन्य कार्रवाइयों के जवाब में इस जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है। अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई इसकी मंजूरी देते हैं, तो वैश्विक तेल आपूर्ति में जबरदस्त रुकावट आ सकती है। क्या तेल की कीमतें $150 प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं? इस आशंका ने पहले ही असर दिखाना शुरू कर दिया है। ब्रेंट क्रूड की कीमत $80 प्रति बैरल तक पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह रास्ता पूरी तरह बंद हुआ, तो कच्चे तेल की कीमतें $120 से $150 प्रति बैरल तक जा सकती हैं। भारत पर असर: बढ़ेगी महंगाई की लहर पेट्रोल-डीजल ₹120 प्रति लीटर तक जा सकते हैं ट्रांसपोर्ट लागत बढ़ेगी, जिससे रोजमर्रा की चीज़ें महंगी होंगी लॉजिस्टिक्स, फार्मा और FMCG सेक्टर पर पड़ेगा सीधा असर महंगाई की दूसरी लहर का खतरा मंडराएगा भारत सरकार की तैयारी केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भरोसा दिया है कि देश के पास कई हफ्तों का रणनीतिक तेल भंडार मौजूद है। साथ ही भारत वैकल्पिक स्रोतों से तेल आपूर्ति जारी रखने की तैयारी में है। भारत के पास विकल्प क्या हैं? रूस, अमेरिका, ब्राज़ील और नाइजीरिया से विविधीकृत तेल आयात विशाखापत्तनम, मैंगलोर और पुडुर में 5 मिलियन मीट्रिक टन का भंडारण रूस से प्रतिदिन 2.16 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात क्या ईरान सच में होर्मुज़ को बंद कर सकता है? विशेषज्ञों का कहना है कि इसे पूरी तरह बंद करना ईरान के लिए आसान नहीं होगा। इसके लिए समुद्री माइंस या सैन्य टकराव जैसी कार्रवाइयों की जरूरत पड़ेगी, जिसका अमेरिका और उसके सहयोगी देश विरोध कर सकते हैं। हालांकि, आंशिक रुकावट भी वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों को आसमान पर पहुंचा सकती है।

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Israel Iran War: दुनिया ने ली राहत की सांस, ईरान-इजरायल ने किया युद्ध विराम का ऐलान

Israel Iran War / रायपुर। पश्चिम एशिया में लंबे समय से तनाव के बीच बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है। अमेरिका और कतर की मध्यस्थता के बाद ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम का समझौता हो गया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि देश ने ईरानी परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल खतरे को समाप्त करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इस मौके पर नेतन्याहू ने अमेरिका और विशेष रूप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आभार जताया। इससे पहले अमेरिकी बी-2 बॉम्बर्स ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान – पर बंकर बस्टर बम गिराए थे। इसके बावजूद ट्रंप ने अपने अधिकारियों को चौंकाते हुए कहा, “हम शांति स्थापित करने जा रहे हैं।” इसके तुरंत बाद उन्होंने खुद इजरायली प्रधानमंत्री को फोन किया और युद्धविराम की दिशा में चर्चा शुरू की। कतर की मध्यस्थता ने बढ़ाई रफ्तार ईरान की ओर से शुरुआत में युद्धविराम पर सहमति नहीं जताई गई, क्योंकि वह बमबारी के जवाब में बदले की तैयारी में था। इसी दौरान कतर की भूमिका सामने आई। ट्रंप ने कतर के अमीर से बात की और उन्हें ईरान को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राजनयिक स्टीव विटकॉफ ने मिलकर बातचीत को आगे बढ़ाया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, कतर के हस्तक्षेप के बाद ईरान ने युद्धविराम पर सहमति जताई। ट्रंप ने मंगलवार सुबह “ट्रुथ सोशल” पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अब ईरान और इजरायल के बीच पूर्ण युद्धविराम लागू होगा। शुरुआती इनकार और फिर स्वीकारोक्ति हालांकि पहले ईरान ने युद्धविराम के किसी भी समझौते से इनकार किया। बाद में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इसे “दुश्मन द्वारा थोपा गया” बताते हुए स्वीकार किया और कहा कि युद्धविराम की ज़रूरत इजरायल को है, ईरान को नहीं। ट्रंप की घोषणा ने चौंकाया प्रशासन न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि ट्रंप की युद्धविराम की घोषणा अमेरिकी प्रशासन के कई अधिकारियों के लिए अप्रत्याशित रही। उसी दौरान ईरान ने अमेरिका के कतर और इराक स्थित एयरबेस पर मिसाइलें दागीं थीं। लेकिन ट्रंप ने बताया कि ईरान ने इन हमलों की पहले से सूचना दे दी थी, जिससे जान-माल की क्षति नहीं हुई। इजरायल ने दी चेतावनी इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया कि अगर युद्धविराम का उल्लंघन हुआ, तो उसका जोरदार जवाब दिया जाएगा। इजरायली बलों ने तेहरान के आसमान पर हवाई नियंत्रण स्थापित किया है और कई अहम ईरानी ठिकानों को नष्ट कर दिया है। ईरान का अंतिम हमला और फिर युद्धविराम मंगलवार सुबह ईरान ने युद्धविराम से कुछ मिनट पहले इजरायल पर 15 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से एक बीशेर्बा के अपार्टमेंट पर गिरी, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद ईरान ने भी युद्धविराम की घोषणा कर दी। Isha prasadHi, I’m a digital marketer by profession and a writer by passion. I believe that words have the power to inform, inspire, and influence — and I love using them to express ideas, share perspectives, and connect with people. Whether it’s crafting marketing campaigns or writing about trends, creativity, or everyday insights — writing is how I bring clarity to the digital chaos. I’m constantly exploring the blend of strategy and storytelling — because marketing sells, but writing connects.

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“ट्रंप इज़रायल के साथ खड़े हो सकते हैं, तो भारत के साथ क्यों नहीं?”- संजय राउत ने अमेरिकी राष्ट्रपति को लेकर पीएम मोदी पर कसा तंज

ईरान और इज़राइल के बीच छिड़े संघर्ष के बीच अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हमले ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। इस मुद्दे पर अब भारत में भी राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। उद्धव ठाकरे गुट के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस मसले पर मोदी सरकार और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को घेरा है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने सवाल किया, “ईरान और इज़राइल का झगड़ा चल रहा है तो डोनाल्ड ट्रंप को कूदने की क्या जरूरत थी? ट्रंप न सिर्फ कूद पड़े बल्कि ईरान पर बम भी बरसा दिए।” उन्होंने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा, “अगर ट्रंप इज़राइल का साथ दे सकते हैं, तो भारत का क्यों नहीं दिया था? जब हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव था, तब ट्रंप ने युद्ध रुकवाया और बार-बार उसका श्रेय भी लिया। उस वक्त वो विश्व शांति के दूत बन रहे थे। फिर अब वे ईरान पर हमले कर शांति का कौन-सा संदेश दे रहे हैं?” संजय राउत ने ट्रंप के पाकिस्तान प्रेम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “नोबेल पुरस्कार पाने की चाहत में ट्रंप ने पाकिस्तान के जनरल मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच पर बुलाया। हमारे संघर्ष को तो उन्होंने रोक दिया, लेकिन इज़राइल के लिए ईरान पर बम गिराने लगे। तो मिस्टर ट्रंप, आप भारत के साथ क्यों नहीं खड़े हुए?” संजय राउत ने मोदी सरकार को चेताते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को सोचना चाहिए कि ट्रंप जैसे नेता सिर्फ अपने हितों के लिए कदम उठाते हैं। ट्रंप आपको उल्लू बना रहे हैं और आप बन भी रहे हैं।”

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“अब हर अमेरिकी हमारे निशाने पर है!”.. ईरान की खुली धमकी, बोले- अमेरिका ने शुरुआत की, अब खत्म हम करेंगे!

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे तनावपूर्ण युद्ध में अब अमेरिका ने भी खुलकर हस्तक्षेप कर दिया है। रविवार अलसुबह अमेरिकी वायुसेना ने ईरान की तीन बड़ी परमाणु साइट्स फोर्डो (Fordow), नतांज (Natanz), और इस्फहान (Isfahan) पर जबरदस्त हवाई हमला किया। इस हमले में तीनों ही परमाणु ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी सेना ने इस ऑपरेशन में B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया, जो बंकर-बस्टर बम गिराने में सक्षम हैं। हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा, “फोर्डो खत्म हुआ। सभी अमेरिकी विमान सुरक्षित लौट चुके हैं। हमारे महान योद्धाओं को बधाई! अब शांति का समय है।” ईरान ने अमेरिका को दी चेतावनी ईरान के सरकारी टीवी चैनल IRIB पर एक एक्सपर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “अब मिडिल ईस्ट में मौजूद हर अमेरिकी सैनिक और नागरिक हमारे निशाने पर हैं। तुमने शुरुआत की है, अब इसे खत्म हम करेंगे।” इसके साथ ही टीवी चैनल पर मिडिल ईस्ट में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों का नक्शा भी दिखाया गया। ईरान की यह प्रतिक्रिया अमेरिका द्वारा बंकर बस्टर बमों के उपयोग और उसके बाद के बयान के बाद आई है। ईरान ने चेताया है कि यह सिर्फ शुरुआत है और जवाबी कार्रवाई जल्द देखने को मिल सकती है। ट्रंप ने दी दोबारा हमले की धमकी डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में साफ तौर पर कहा कि अगर ईरान अपनी सैन्य गतिविधियों को नहीं रोकता है, तो अमेरिका दोबारा हमला करने से पीछे नहीं हटेगा। ट्रंप ने चेताया  “ईरान को अभी रुकना चाहिए, वरना अगली बार हमला और बड़ा होगा।” अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हाई अलर्ट हमले के बाद अमेरिका ने पश्चिम एशिया (Middle East) में स्थित अपने सभी सैन्य बेस पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। किसी भी संभावित जवाबी हमले या खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है।   Isha prasadHi, I’m a digital marketer by profession and a writer by passion. I believe that words have the power to inform, inspire, and influence — and I love using them to express ideas, share perspectives, and connect with people. Whether it’s crafting marketing campaigns or writing about trends, creativity, or everyday insights — writing is how I bring clarity to the digital chaos. I’m constantly exploring the blend of strategy and storytelling — because marketing sells, but writing connects.

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ईरान-इजराइल युद्ध के बीच अब तक 1,117 भारतीयों की सुरक्षित वतन वापसी, दिल्ली एयरपोर्ट पर गूंजा ‘वंदे मातरम’

ईरान-इजराइल के बीच छिड़े युद्ध के बीच भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने का बड़ा अभियान चलाया है। अब तक इस रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत कुल 1,117 भारतीयों को सुरक्षित ईरान से निकाला जा चुका है। शनिवार देर रात ईरान के मशहद से एक और चार्टर्ड फ्लाइट 290 भारतीयों को लेकर नई दिल्ली पहुंची। इससे पहले शनिवार शाम 4:30 बजे एक और जत्था राजधानी पहुंचा था, जिसमें 310 नागरिक शामिल थे। वहीं 20 जून को दो बैचों में 407 भारतीयों की वापसी हुई थी। देर रात 10:30 बजे की फ्लाइट से 290 लोग और फिर 3 बजे की फ्लाइट से 117 भारतीय स्वदेश लौटे। वतन लौटते ही छलका दर्द, गूंजा ‘वंदे मातरम’ दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही विमान से बाहर निकलते भारतीयों के चेहरों पर राहत की झलक साफ दिखी। कई लोगों की आंखें नम थीं और ‘वंदे मातरम’ के नारे गूंजने लगे। एक यात्री ने कहा, “हम मौत के मुंह से बाहर आए हैं। वहां मिसाइलें गिर रही थीं, हम थर-थर कांप रहे थे। हमें बाहर निकलने नहीं दिया गया था। हम वहां जियारत के लिए गए थे, लेकिन एक हफ्ते तक फंसे रहे।” लोगों ने मोदी सरकार का जताया आभार भारतीय नागरिक परवीन ने बताया, “हम वापस आ गए हैं। तहे दिल से प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद। भारत सरकार ने हमारी पूरी मदद की।” इंदिरा कुमारी नाम की एक और महिला ने कहा, “हम अपने देश लौट आए हैं। ये भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी की वजह से मुमकिन हो पाया।” प्रयागराज की रहने वालीं अलमास रिजवी ने बताया, “हमें अच्छे होटल में रुकवाया गया, खाना-पीना समय पर मिला। हमें ये तक महसूस नहीं होने दिया गया कि हम युद्ध जैसी स्थिति में हैं। भारतीय दूतावास और भारत सरकार ने हमारी बहुत मदद की।” ईरान ने खोला एयरस्पेस, मिली वापसी की राह ईरान सरकार ने अपने एयरस्पेस पर लगी पाबंदियों को अस्थाई रूप से हटाते हुए भारत को करीब 1,000 नागरिकों को निकालने की इजाजत दी। इनमें ज्यादातर छात्र शामिल हैं, जिन्हें तेहरान से मशहद लाया गया था। इन्हें ईरानी एयरलाइन माहान की तीन चार्टर्ड फ्लाइट्स के जरिए भारत भेजा गया। ईरान स्थित भारतीय दूतावास के मिशन उप प्रमुख मोहम्मद जवाद हुसैनी ने जानकारी दी कि हालात बिगड़ने की स्थिति में अतिरिक्त फ्लाइट्स की भी व्यवस्था की जा सकती है। ईरान की अमेरिका को धमकी इस बीच ईरान ने एक बार फिर अमेरिका को चेतावनी दी है। ईरान ने कहा, “हर अमेरिकी नागरिक और सैनिक हमारे टारगेट पर है। तुमने शुरुआत की है, अब इसे खत्म हम करेंगे।” Isha prasadHi, I’m a digital marketer by profession and a writer by passion. I believe that words have the power to inform, inspire, and influence — and I love using them to express ideas, share perspectives, and connect with people. Whether it’s crafting marketing campaigns or writing about trends, creativity, or everyday insights — writing is how I bring clarity to the digital chaos. I’m constantly exploring the blend of strategy and storytelling — because marketing sells, but writing connects.

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“ईरान-इजरायल संघर्ष पर भारत की चुप्पी क्यों? सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने पश्चिम एशिया में चल रहे ईरान-इजरायल संघर्ष पर भारत सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए इसे “गंभीर कूटनीतिक गलती” और भारत की परंपरागत नैतिक प्रतिबद्धता से “भटकाव” बताया है। उन्होंने शुक्रवार को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित अपने लेख में कहा कि भारत जैसे देश को चुप नहीं रहना चाहिए, बल्कि स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए। इजरायल के हवाई हमले को बताया ‘अवैध’ 13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों को सोनिया गांधी ने “अवैध और संप्रभुता का सीधा उल्लंघन” बताया। उन्होंने ईरान में हुई बमबारी और लक्षित हत्याओं की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ये सिर्फ वहां के नागरिकों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया की स्थिरता के लिए भी खतरनाक हैं। गाजा में ‘क्रूर कार्रवाई’ की निंदा सोनिया गांधी ने गाजा में इजरायल द्वारा चल रही सैन्य कार्रवाई को “क्रूर और असंतुलित” बताया। उन्होंने लिखा कि गाजा भुखमरी की चपेट में है, अब तक 55,000 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं, और पूरा इलाका – अस्पतालों, घरों और मोहल्लों सहित – तबाह हो चुका है। भारत की चुप्पी पर तीखा सवाल उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से ईरान और इजरायल दोनों के साथ संबंधों में संतुलन बनाकर चला है। 1994 में कश्मीर मुद्दे पर ईरान ने भारत का खुलकर समर्थन किया था, लेकिन आज जब ईरान संकट में है, तो भारत की चुप्पी खटकती है। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर “दो-राष्ट्र समाधान” से हटने और एकतरफा नीति अपनाने का आरोप लगाया। ट्रंप पर भी साधा निशाना सोनिया ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को “आक्रामक और खतरनाक” बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ‘एंडलेस वॉर’ (Endless War) के खिलाफ थे, लेकिन अब वही 2003 की इराक युद्ध जैसी गलतियां दोहरा रहे हैं। नेतन्याहू और शांति प्रक्रिया उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर भी आरोप लगाए कि उन्होंने शांति के हर प्रयास को नुकसान पहुंचाया है। 1995 में प्रधानमंत्री राबिन की हत्या का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नेतन्याहू की नीतियां संघर्ष को और भड़काती हैं। भारत को चुप्पी तोड़ने की अपील लेख के अंत में सोनिया गांधी ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि भारत को अब अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए और सभी कूटनीतिक रास्तों से पश्चिम एशिया में शांति की दिशा में भूमिका निभानी चाहिए। उनके बयान से कुछ घंटे पहले भारत में ईरानी उप मिशन के प्रमुख मोहम्मद जवाद होसेनी ने भी इजरायल के हमलों की आलोचना करते हुए भारत से सार्वजनिक निंदा की मांग की थी। Isha prasadHi, I’m a digital marketer by profession and a writer by passion. I believe that words have the power to inform, inspire, and influence — and I love using them to express ideas, share perspectives, and connect with people. Whether it’s crafting marketing campaigns or writing about trends, creativity, or everyday insights — writing is how I bring clarity to the digital chaos. I’m constantly exploring the blend of strategy and storytelling — because marketing sells, but writing connects.

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चीन की चुपचाप एंट्री से गरमाया ईरान-इजरायल युद्ध, तेहरान पहुंचीं चीन की रहस्यमयी कार्गो फ्लाइट्स

ईरान-इजरायल युद्ध आज आठवें दिन और भी उग्र हो गया है। जहां एक ओर अमेरिका ने इस युद्ध में कूदने की घोषणा कर दी है, वहीं अब चीन की रहस्यमयी एंट्री ने पूरी जंग को और भी खतरनाक मोड़ पर ला दिया है। दरअसल, चीन के तीन बोइंग 747 कार्गो विमान मिड-एयर ट्रांसपोंडर बंद कर सीधे ईरान पहुंच गए हैं। ये विमान पहले शंघाई से लग्जमबर्ग की उड़ान पर थे, लेकिन अचानक सेंसर और ट्रैकिंग सिस्टम बंद कर ईरान की हवाई सीमा में प्रवेश कर गए। खास बात यह है कि जंग के चलते ईरान की एयरस्पेस फिलहाल बंद है। चीन ने भेजे हथियार या डिफेंस सिस्टम? इन विमानों में क्या था, इसका अब तक कोई आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है। मगर जानकारों का मानना है कि ये विमान ईरान के लिए हथियार, एयर डिफेंस सिस्टम या रणनीतिक उपकरण लेकर आए हो सकते हैं। FlightRadar24 के डेटा के अनुसार, 14 जून 2025 से अब तक चीन के उत्तरी हिस्सों से पांच कार्गो विमान कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान होते हुए ईरान पहुंचे हैं। ईरान की सीमा में घुसते ही ये विमान रडार से गायब हो गए। इस तरह ट्रांसपोंडर ऑफ करना आमतौर पर सैन्य या खुफिया मिशनों में किया जाता है। चीन-रूस का झुकाव ईरान की ओर इस घटनाक्रम ने अमेरिका और इजरायल की चिंता बढ़ा दी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अमेरिका युद्ध में कूदा, तो रूस और चीन ईरान के साथ खुलकर खड़े होंगे। बीर्शेबा पर ईरान का मिसाइल अटैक इस बीच शुक्रवार सुबह ईरान ने इजरायल के बीर्शेबा शहर पर एक और बैलिस्टिक मिसाइल दागी। रिपोर्ट के मुताबिक मिसाइल Microsoft ऑफिस के पास गिरी, जिससे कई कारों में आग लग गई और आसपास के मकानों को भी नुकसान पहुंचा। हमले में कम से कम 6 लोग घायल हुए हैं। गुरुवार को भी बीर्शेबा के एक अस्पताल को निशाना बनाया गया था, जिसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इजरायल का पलटवार: तेहरान पर हमले तेज करने का आदेश इस हमले के जवाब में इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने अपनी सेना को तेहरान स्थित अयातुल्ला खामेनेई के ठिकानों पर हमले तेज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इन हमलों का मकसद ईरानी शासन को अस्थिर करना है।

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ईरान-इजराइल तनाव के बीच भारत की एडवाइजरी: भारतीयों को तेहरान छोड़ने की सलाह

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारत सरकार ने तेहरान में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने सभी भारतीयों को तेहरान से बाहर निकलने और सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी है। इस दिशा में कदम उठाते हुए, तेहरान में रह रहे भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से शहर से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है। विदेश मंत्रालय की स्पष्ट चेतावनी मंगलवार को जारी आधिकारिक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि “भारतीय छात्रों को दूतावास की व्यवस्था के तहत सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। वहीं जो अन्य भारतीय नागरिक अपने संसाधनों से बाहर निकल सकते हैं, उन्हें भी मौजूदा हालात को देखते हुए शहर छोड़ने की सलाह दी गई है।” कुछ भारतीयों को आर्मेनिया बॉर्डर से निकाला गया बयान में यह भी जानकारी दी गई कि कुछ भारतीयों को आर्मेनिया की सीमा के माध्यम से ईरान छोड़ने में सहायता की गई है। दूतावास स्थानीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में है और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव मदद प्रदान कर रहा है। दूतावास ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने सभी नागरिकों से संपर्क में रहने और अपना स्थान तथा मोबाइल नंबर साझा करने की अपील की है। साथ ही तीन हेल्पलाइन नंबर भी साझा किए गए हैं: +98 9010144557 +98 9128109115 +98 9128109109  अमेरिका और इजराइल भी दे रहे चेतावनी भारत के अलावा, अमेरिका ने भी अपने नागरिकों को तेहरान तुरंत छोड़ने की चेतावनी दी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ईरान की आलोचना करते हुए कहा, “ईरान को परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए। सभी को तेहरान छोड़ देना चाहिए।”  इजराइल की सैन्य चेतावनी और संभावित हमले इजराइली सेना के प्रवक्ता अविचाय एड्रै ने एक पोस्ट में तेहरान के उत्तर-पूर्वी हिस्से के नागरिकों को तुरंत खाली करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र में आपकी मौजूदगी आपके जीवन के लिए खतरा हो सकती है। आने वाले घंटों में इजराइली सेना इस इलाके में कार्रवाई करेगी।”  इजराइल ने किए मिसाइल हमले इजराइली सेना के अनुसार, उनके लड़ाकू विमानों ने पश्चिमी ईरान से तेहरान की ओर बढ़ रहे हथियारों और मिसाइल लॉन्चर्स से लदे ट्रकों को निशाना बनाया। साथ ही गोलान हाइट्स और उत्तरी इजराइल में भी ईरान की ओर से मिसाइलें दागे जाने की पुष्टि हुई है, जिससे कई क्षेत्रों में हवाई हमले के सायरन बजने लगे। संवेदनशील संस्थानों पर खतरा चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जिस इलाके में हमला होने की आशंका है, वहां राज्य के प्रमुख संस्थान, सरकारी कार्यालय, खुफिया एजेंसियां और संचार केंद्र स्थित हैं।   Isha prasadHi, I’m a digital marketer by profession and a writer by passion. I believe that words have the power to inform, inspire, and influence — and I love using them to express ideas, share perspectives, and connect with people. Whether it’s crafting marketing campaigns or writing about trends, creativity, or everyday insights — writing is how I bring clarity to the digital chaos. I’m constantly exploring the blend of strategy and storytelling — because marketing sells, but writing connects.

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G-7 देशों का इजराइल को खुला समर्थन, ट्रंप ने अचानक छोड़ी समिट, कहा- ‘सीज़फायर से भी कुछ बड़ा करने वाले हैं..’

कनाडा में आयोजित G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान एक बड़ा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अचानक समिट छोड़कर निकल गए। उनके इस कदम पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने तंज कसा, कि ट्रंप इजराइल-ईरान युद्धविराम के लिए रवाना हुए हैं। लेकिन ट्रंप ने अब सोशल मीडिया पर पलटवार करते हुए मैक्रों को ‘पब्लिसिटी सीकर’ बता डाला। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रूथ” पर पोस्ट करते हुए कहा, “प्रचार की भूख रखने वाले फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने झूठा बयान दिया कि मैं युद्धविराम के लिए कनाडा से रवाना हुआ हूँ। सच्चाई ये है कि उन्हें कुछ पता ही नहीं है। मैं एक ऐसे काम के लिए जा रहा हूँ जो सीजफायर से कहीं बड़ा है।” ईरान-इजराइल टकराव बना G-7 समिट का प्रमुख मुद्दा G-7 देशों ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए इजराइल का खुला समर्थन किया है और ईरान को पश्चिम एशिया में अस्थिरता का मुख्य कारण बताया है। समिट के अंतिम दिन देर रात जारी हुए इस बयान में शांति और स्थिरता की अपील की गई। ट्रंप ने दी ईरान को चेतावनी शिखर सम्मेलन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा, “तेहरान को अपना परमाणु कार्यक्रम तुरंत बंद करना होगा, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। उन्हें एक समझौते पर आना होगा – उनके पास इसके लिए पहले ही 60 दिन थे, लेकिन वे चूक गए।” युद्ध के हालात और इजराइली रणनीति गौरतलब है कि ईरान और इजराइल के बीच टकराव शुक्रवार से शुरू हुआ, जब इजराइल ने ईरान पर हवाई हमले किए। जवाब में ईरान ने भी ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिससे इलाके में तनाव और चिंता बढ़ गई है। इजराइल अब ईरान की “फोर्डो यूरेनियम संवर्धन सुविधा” को निशाना बनाना चाहता है, लेकिन यह अत्यधिक गहराई में स्थित है। ऐसे में इसके लिए अमेरिकी GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम की जरूरत होगी, जिसे केवल B-2 स्टील्थ बॉम्बर ही पहुंचा सकता है – और इजराइल के पास ऐसी क्षमता नहीं है। Isha prasadHi, I’m a digital marketer by profession and a writer by passion. I believe that words have the power to inform, inspire, and influence — and I love using them to express ideas, share perspectives, and connect with people. Whether it’s crafting marketing campaigns or writing about trends, creativity, or everyday insights — writing is how I bring clarity to the digital chaos. I’m constantly exploring the blend of strategy and storytelling — because marketing sells, but writing connects.

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लाइव न्यूज शो के दौरान इजराइली मिसाइल अटैक, शो छोड़कर भागी एंकर

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध अब बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को इजरायली सेना ने ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित सरकारी मीडिया संस्थान IRIB (Islamic Republic of Iran Broadcasting) पर मिसाइल अटैक कर दिया। हमला उस समय हुआ जब लाइव न्यूज बुलेटिन प्रसारित हो रहा था। स्टूडियो में न्यूज पढ़ रहीं एंकर सहर इमामी जैसे ही धमाके की आवाज सुनती हैं, वह घबराकर वहां से भाग जाती हैं। इस भयावह हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें स्टूडियो में अचानक धुंआ और मलबा नजर आने लगता है, साथ ही “अल्लाहु अकबर” की आवाजें भी सुनाई देती हैं। इजरायली सेना ने इस हमले के साथ चेतावनी दी है कि वह तेहरान के सभी टीवी और रेडियो स्टेशनों को निशाना बनाएगा। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में IRIB की एक महिला कर्मचारी की मौत हो गई। ईरान के वरिष्ठ राजनयिक अब्बास अराघची ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह इजरायली कायरता और हताशा की पराकाष्ठा है। हमले से पहले इजरायल की ओर से इलाके को खाली करने की चेतावनी दी गई थी। IDF ने बयान में कहा था कि लोग IRIB मुख्यालय वाले इलाके से दूर रहें। इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने भी कहा था कि वह मीडिया को खत्म करने जा रहे हैं, जिससे ईरान दुष्प्रचार फैला रहा है। हालांकि, इस हमले के बाद कुछ ही देर में एंकर सहर इमामी फिर से स्क्रीन पर लौटीं और बेहद मजबूती से कहा, “यह हमला इजरायली शासन द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने का हताश प्रयास था। अगर समाचार नेटवर्क की इमारत पर हमला किया गया है, तो भी सत्य की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता।” अब सहर इमामी ईरान में प्रतिरोध की प्रतीक बन गई हैं। उनका वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, और लोग उन्हें ‘सच की आवाज़’ कह रहे हैं। वहीं युद्ध की पृष्ठभूमि में, ईरान ने भी इजरायल के तेल अवीव और हाइफा जैसे शहरों में मिसाइल हमले किए थे, जिसके जवाब में इजरायल ने तेहरान पर भीषण हमला किया। IRIB पर हमला उसी जवाबी कार्रवाई का हिस्सा बताया जा रहा है।

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