पुरानी गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल! हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला
बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने एक बड़ा कदम उठाया है। हरियाणा के तीन प्रमुख जिलों – फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत में अब 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को 1 नवंबर 2025 से किसी भी पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं मिलेगा। इस नियम को लागू करने के लिए सभी पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे, जो पुराने वाहनों की पहचान करके उन्हें फ्यूल देने से रोक देंगे। नियम का उल्लंघन करने पर लगेगा जुर्माना अगर कोई वाहन चालक नियमों की अनदेखी करता है और प्रतिबंधित वाहन से फ्यूल लेने की कोशिश करता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। दिल्ली में इस नियम का उल्लंघन करने पर चार पहिया वाहनों पर ₹10,000 और दो पहिया वाहनों पर ₹5,000 का जुर्माना तय किया गया है। हरियाणा में भी इसी तरह की सख्ती बरती जाएगी। कैमरे कैसे करेंगे काम? फरीदाबाद के RTA अधिकारी मुनीष सहगल के अनुसार, पेट्रोल पंपों पर लगने वाले ANPR कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करके उनके रजिस्ट्रेशन और उम्र की जानकारी संबंधित सॉफ्टवेयर से ले लेंगे। यदि वाहन की उम्र तय सीमा से ज्यादा होगी, तो तुरंत अधिकारियों को अलर्ट मिल जाएगा और वाहन को फ्यूल नहीं दिया जाएगा। कब तक लगेंगे कैमरे? CAQM ने कैमरे लगाने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2025 तय की है। इसके बाद नियमों का पालन अनिवार्य हो जाएगा। इस तकनीकी पहल से पुराने वाहनों को स्वतः पहचाना जा सकेगा और नियमों को सख्ती से लागू किया जा सकेगा। पहले फेज में सिर्फ तीन जिले, 2026 में बाकी NCR इस सख्ती का पहला चरण केवल फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत में लागू होगा। लेकिन दूसरे चरण की शुरुआत 1 नवंबर 2026 से की जाएगी, जिसमें NCR के सभी जिलों में यह नियम लागू कर दिया जाएगा। नियम का कानूनी आधार यह फैसला NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के 7 अप्रैल 2015 के निर्देश और सुप्रीम कोर्ट के 29 अक्टूबर 2018 के आदेश के तहत लिया गया है, जिसमें एंड ऑफ लाइफ (EOL) वाहनों को NCR में चलने की अनुमति न देने की बात कही गई थी। NCR में कितने पुराने वाहन हैं? CAQM की रिपोर्ट के अनुसार, NCR क्षेत्र के जिलों में कुल 27.5 लाख से अधिक 10 और 15 साल पुराने डीजल-पेट्रोल वाहन मौजूद हैं। दिल्ली: 61,14,728 ओवरएज वाहन हरियाणा (NCR जिले): 27,50,152 वाहन उत्तर प्रदेश (NCR जिले): 12,69,598 वाहन राजस्थान (NCR जिले): 6,20,962 वाहन इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि पुराने वाहनों की बड़ी संख्या वायु प्रदूषण में अहम भूमिका निभा रही है। स्थानीय व्यवसायों और नागरिकों पर असर यह फैसला जहां वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक साहसिक कदम है, वहीं पुराने वाहनों पर निर्भर लोगों और छोटे व्यवसायियों के लिए चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। इसीलिए सरकार और प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वाहन स्क्रैपिंग, इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने और सब्सिडी योजनाओं को जल्द से जल्द मजबूत किया जाए। Isha prasadHi, I’m a digital marketer by profession and a writer by passion. I believe that words have the power to inform, inspire, and influence — and I love using them to express ideas, share perspectives, and connect with people. Whether it’s crafting marketing campaigns or writing about trends, creativity, or everyday insights — writing is how I bring clarity to the digital chaos. I’m constantly exploring the blend of strategy and storytelling — because marketing sells, but writing connects.




