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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोने की अंगूठी पहनने से मिलते हैं चमत्कारी लाभ, जानिए नियम और फायदे

ज्योतिष शास्त्र में सोने की अंगूठी को न केवल आभूषण बल्कि ग्रहों को संतुलित करने वाला एक प्रभावशाली उपाय माना गया है। खासतौर पर जब कुंडली में बृहस्पति ग्रह (गुरु) कमज़ोर हो या अशुभ प्रभाव में हो, तब सोने की अंगूठी पहनने से उसका सकारात्मक प्रभाव बढ़ाया जा सकता है। बृहस्पति को ज्ञान, धर्म, संतान, विवाह सुख और धन का कारक माना गया है। ऐसे में सोने की अंगूठी धारण करना व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है। सोने की अंगूठी पहनने से मिलने वाले प्रमुख लाभ: धार्मिक आस्था और आत्मबल में वृद्धि होती है। संतान सुख और वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियाँ दूर होती हैं। शिक्षा में आ रही बाधाएं कम होती हैं। आर्थिक स्थिति में सुधार देखा जाता है। व्यक्ति के व्यक्तित्व में आकर्षण और तेज़स्विता बढ़ती है। बुजुर्गों, गुरुजनों और उच्च अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होता है। सोने की अंगूठी पहनने के ज्योतिषीय नियम: उंगली: दाहिने हाथ की तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) में पहनें। दिन: गुरुवार को ही अंगूठी धारण करें। समय: सूर्योदय के बाद, सुबह 6 से 8 बजे के बीच अंगूठी पहनना शुभ रहता है। मंत्र: “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। अभिषेक: अंगूठी को पहनने से पहले कच्चे दूध, गंगाजल, शहद और तुलसी से शुद्ध करें। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि उचित विधि और आस्था के साथ सोने की अंगूठी धारण करने से न सिर्फ बृहस्पति ग्रह का प्रभाव मज़बूत होता है, बल्कि जीवन में स्थिरता, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है।