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PM मोदी ने दीपावली पर देशवासियों के नाम लिखा पत्र, देश के लोगों से की ये खास अपील; जानें क्या-क्या कहा?

नई दिल्ली: दीपावली के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को एक विशेष पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने जहां सभी नागरिकों को त्योहार की शुभकामनाएं दी हैं, वहीं कुछ महत्वपूर्ण अपीलें भी की हैं। उन्होंने देश की हालिया उपलब्धियों और सरकार की ओर से किए गए सुधारों की भी चर्चा की। अयोध्या और ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र प्रधानमंत्री ने अपने पत्र की शुरुआत दीपावली की शुभकामनाओं से की। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद यह दूसरी दीपावली है। राम जी मर्यादा और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष की प्रेरणा देते हैं। इसी भावना को हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी देखा गया, जहां भारत ने अनुशासन का पालन करते हुए अन्याय का जवाब दिया। नक्सल प्रभावित इलाकों में रोशनी की नई शुरुआत मोदी ने पत्र में कहा कि इस बार की दीपावली खास है क्योंकि कई ऐसे जिलों में दीप जलेंगे जहां पहले कभी नक्सलवाद का प्रभाव था। अब इन क्षेत्रों में शांति और विकास की रोशनी पहुंच रही है। कई लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं, जो एक बड़ी सफलता है। आर्थिक सुधारों का लाभ उन्होंने बताया कि देश में हाल ही में अगली पीढ़ी के आर्थिक सुधारों की शुरुआत की गई है। नवरात्रि के पहले दिन से कम GST दरें लागू हुई हैं, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिल रहा है और हजारों करोड़ रुपये की बचत हो रही है। आत्मनिर्भर भारत की ओर अपील प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और गर्व से कहें कि ‘यह स्वदेशी है’। उन्होंने कहा कि भारत अब विश्व में स्थिरता और संवेदनशीलता का प्रतीक बन चुका है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। स्वास्थ्य, स्वच्छता और योग को दें महत्व मोदी ने नागरिकों से अपील की कि वे स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, खाने में तेल की मात्रा कम करें और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। साथ ही उन्होंने स्वच्छता, भाषाई सम्मान और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को अपनाने पर भी जोर दिया। सामाजिक समरसता की सीख पत्र के अंत में प्रधानमंत्री ने दीपावली से जुड़ी एक प्रेरणादायक बात साझा करते हुए कहा कि जैसे एक दीप दूसरे दीप को जलाकर उसका प्रकाश बढ़ाता है, वैसे ही हमें समाज में सहयोग, सद्भाव और सकारात्मकता का प्रसार करना चाहिए।

PM tribute Dr. Kalam
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जयंती पर PM मोदी ने स्वर्गीय महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम श्रद्धांजलि अर्पित की

PM pays tribute Dr. Kalam, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। श्री मोदी ने कहा कि डॉ. कलाम को एक दूरदर्शी व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने युवा मन को जागृत किया और राष्ट्र को बड़े स्वप्न देखने के लिए प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ. कलाम का जीवन हमें स्मरण कराता है कि सफलता के लिए विनम्रता और अथक परिश्रम आवश्यक है। PM pays tribute Dr. Kalam प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि हम डॉ. कलाम के सपनों के अनुरूप एक सशक्त, आत्मनिर्भर और करूणामय भारत का निर्माण करना जारी रखेंगे। प्रधानमंत्री ने एक्स पर अपनी एक पोस्ट में लिखा डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उन्हें एक ऐसे दूरदर्शी व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने युवा मन को जागृत किया और हमारे देश को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया। उनका जीवन हमें स्मरण दिलाता है कि सफलता के लिए विनम्रता और अथक परिश्रम अत्यंत आवश्यक है। हम उनके द्वारा देखे गए भारत का निर्माण करते रहें… एक ऐसा भारत जो सशक्त, आत्मनिर्भर और करुणामय हो।

FTA trade deal
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भारत-ईएफटीए व्यापार समझौता: 100 अरब डॉलर निवेश और 10 लाख रोजगार का नया अध्याय

भारत और यूरोप के चार विकसित देशों के बीच ऐतिहासिक साझेदारी, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) ने 10 मार्च 2024 को व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) पर हस्ताक्षर किए थे।यह समझौता 1 अक्टूबर 2025 से लागू हुआ — जो भारत और यूरोप के चार विकसित देशों स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के बीच भारत का पहला मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है। 100 अरब डॉलर निवेश और 10 लाख रोजगार का संकल्प टीईपीए भारत का पहला ऐसा एफटीए है जिसमें निवेश और रोजगार सृजन पर बाध्यकारी वचनबद्धता शामिल है। इसके लिए फरवरी 2025 में भारत-ईएफटीए निवेश डेस्क की स्थापना की गई, जो निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सुविधा प्रदान करता है। ईएफटीए क्या है? ईएफटीए (European Free Trade Association) की स्थापना 1960 में की गई थी।इसके सदस्य हैं — इसका उद्देश्य यूरोप में मुक्त व्यापार, आर्थिक सहयोग और नवोन्मेष को बढ़ावा देना है। समझौते के 14 मुख्य अध्याय टीईपीए में कुल 14 अध्याय शामिल हैं, जो निम्न विषयों पर केंद्रित हैं: संतुलित बाजार पहुँच टीईपीए महत्वाकांक्षा और विवेक का संतुलन है — संवेदनशील क्षेत्रों — जैसे डेयरी, सोया, कोयला, फार्मास्यूटिकल्स और कृषि उत्पादों — को सुरक्षा दी गई है। सेवाओं और पेशेवरों के लिए नए अवसर भारत के सकल मूल्य वर्धन (GVA) में सेवाओं का योगदान 55% से अधिक है।टीईपीए के तहत: डिजिटल डिलीवरी, वाणिज्यिक उपस्थिति और कुशल पेशेवरों की गतिशीलता से आईटी, शिक्षा और सांस्कृतिक सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) और नवाचार टीईपीए का IPR अध्याय TRIPS समझौते के अनुरूप है — संवहनीय और समावेशी विकास पर ज़ोर टीईपीए का उद्देश्य सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि संवहनीय और समावेशी विकास को प्रोत्साहित करना है।यह समझौता पारदर्शिता, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक प्रगति और नवाचार पर बल देता है। क्षेत्रवार लाभ कृषि और खाद्य उत्पाद समुद्री उत्पाद इंजीनियरिंग और मैनुफैक्चरिंग रत्न और आभूषण रसायन और प्लास्टिक डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में उछाल 100 अरब डॉलर के निवेश से इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर सेक्टर में नई ऊर्जा आएगी — निष्कर्ष: भारत-यूरोप साझेदारी का नया युग टीईपीए केवल एक व्यापार समझौता नहीं, बल्कि रणनीतिक विश्वास और समान दृष्टिकोण का प्रतीक है।यह भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित करता है।मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हुए, यह समझौता  भारत-ईएफटीए टीईपीए एक आधुनिक, संतुलित और दूरदर्शी आर्थिक साझेदारी का उत्कृष्ट उदाहरण है।

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एयरफोर्स चीफ का बड़ा बयान: “पाकिस्तान को 4 दिन में धूल चटाई, ऑपरेशन सिंदूर इसका उदाहरण”

नई दिल्ली –भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने एक सशक्त और गर्व से भरा बयान देते हुए कहा कि “अगर हमारे पास स्पष्ट योजना और अडिग निश्चय हो, तो हम क्या हासिल कर सकते हैं, इसका बेहतरीन उदाहरण ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है।” उन्होंने कहा कि इस अभियान में भारतीय वायुसेना ने मात्र चार दिन के भीतर पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए उसकी रणनीतिक ताकत को कमजोर कर दिया। वायुसेना प्रमुख ने यह टिप्पणी भारतीय वायुसेना दिवस से पहले एक कार्यक्रम में दी, जहां उन्होंने हालिया अभियानों, भविष्य की तैयारियों और भारतीय वायुसेना की बढ़ती ताकत पर चर्चा की। क्या है ऑपरेशन सिंदूर? हालांकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के विस्तृत विवरण को गोपनीय रखा गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह एक रणनीतिक और सटीक अभियान था जिसमें भारतीय वायुसेना ने सीमित समय में दुश्मन के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की। यह ऑपरेशन युद्ध की घोषणा के बिना ही शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की एक मिसाल बना। मुख्य बातें: 4 दिन में ऑपरेशन पूरा: एयरफोर्स चीफ के अनुसार, यह मिशन महज चार दिनों में पूरा कर लिया गया, जिसमें भारतीय वायुसेना की सटीकता और रणनीतिक कौशल की झलक साफ दिखी। दृढ़ संकल्प का उदाहरण: उन्होंने कहा कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो और रणनीति स्पष्ट हो, तो सीमित संसाधनों में भी बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। सेना की आधुनिकता पर ज़ोर: एयर चीफ मार्शल चौधरी ने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना लगातार खुद को आधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस कर रही है, जिससे देश की हवाई सुरक्षा अभेद्य बनी रहे। पाकिस्तान को मिला करारा जवाब वायुसेना प्रमुख ने बिना सीधे नाम लिए संकेत दिया कि यह ऑपरेशन पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों के जवाब में किया गया था। उन्होंने कहा कि “जब वक्त आता है, तो भारत किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है — तेज़ी से, सटीकता से और निर्णायक रूप से।” आत्मनिर्भर भारत की वकालत इस अवसर पर उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में वायुसेना के योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में भारत स्वदेशी लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और रडार सिस्टम्स पर और अधिक निर्भर होगा। वायुसेना प्रमुख का यह बयान न केवल भारतीय सैन्य ताकत की झलक देता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि जरूरत पड़ने पर रणनीतिक पहल कर सकता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अभियान यह दिखाते हैं कि नया भारत हर मोर्चे पर तैयार है — चाहे वो रणनीति हो, तकनीक हो या ताकत।

PM Modi Nepal Peace Support
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12 लाख तक इनकम टैक्स माफ, अब GST में राहत: पीएम मोदी बोले- मिडिल क्लास के लिए डबल बोनांजा

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने मध्यमवर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर आयकर छूट दी है और अब 22 सितंबर से देशभर में जीएसटी रिफॉर्म लागू होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बदलाव “मिडिल क्लास के लिए डबल बोनांजा” साबित होंगे। न्यू मिडिल क्लास को बड़ा फायदा पीएम मोदी ने कहा कि नए जीएसटी ढांचे में अब वस्तुओं पर केवल 5% और 18% टैक्स स्लैब ही लागू होंगे। उन्होंने कहा कि इससे न्यू मिडिल क्लास के लिए रोजमर्रा की जरूरतों से लेकर बड़े सपने पूरे करना आसान होगा। फ्रिज, टीवी, एसी और घर बनाने जैसे खर्च पहले से कम हो जाएंगे। आत्मनिर्भर भारत के लिए अहम कदम प्रधानमंत्री ने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन से लागू होने वाला यह जीएसटी सुधार, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने इसे जीएसटी बचत उत्सव का नाम दिया और कहा कि इससे हर परिवार को बचत का फायदा मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका लाभ न सिर्फ उपभोक्ताओं को बल्कि दुकानदारों और कारोबारियों को भी मिलेगा। टैक्स के जाल से मुक्ति पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी से पहले देश एंट्री टैक्स, वैट, सर्विस टैक्स जैसे दर्जनों टैक्सों के जाल में उलझा हुआ था। एक शहर से दूसरे शहर सामान भेजना बेहद कठिन था और व्यापारी भारी दिक्कतें झेलते थे। उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में सत्ता संभालने के बाद उनकी सरकार ने जीएसटी को प्राथमिकता में रखा और सभी राज्यों को विश्वास में लेकर इस बड़े सुधार को लागू किया। भविष्य की जरूरतों के मुताबिक बदलाव प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधार हमेशा समय और परिस्थितियों के हिसाब से किए जाने चाहिए। अब जबकि देश की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही है, ऐसे में यह नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म विकास को और तेज करेंगे और भारत की ग्रोथ स्टोरी को नई दिशा देंगे।

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PM Modi Speech Updates: PM मोदी का संबोधन, कल से जीएसटी बचत उत्सव शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि कल से पूरे भारत में जीएसटी बचत उत्सव की शुरुआत हो रही है। इस दौरान उपभोक्ताओं को अधिक बचत का लाभ मिलेगा और मनचाही चीजें खरीदना पहले से आसान होगा। पीएम मोदी ने कहा कि यह उत्सव आम नागरिकों के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा देगा। टैक्स सुधारों से मिली नई रफ्तार पीएम मोदी ने कहा कि 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद भारत ने टैक्स सुधारों का नया अध्याय लिखा। पहले अलग-अलग राज्यों में सामान भेजना मुश्किल था और उपभोक्ताओं से अतिरिक्त खर्च वसूला जाता था। लेकिन ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के फैसले ने इस जटिलता को खत्म कर दिया। आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी पर जोर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसे स्वतंत्रता आंदोलन को स्वदेशी मंत्र से ताकत मिली थी, वैसे ही आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य भी स्वदेशी के रास्ते से ही पूरा होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे विदेशी सामान की जगह केवल मेड इन इंडिया उत्पाद ही खरीदें। हर घर और हर दुकान को स्वदेशी से सजाने का आह्वान किया। MSME की भूमिका पर विशेष बल उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में सबसे अहम योगदान MSME सेक्टर का है। हमारे युवाओं और उद्यमियों की मेहनत से बने सामान को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। यही देश की आर्थिक शक्ति को मजबूती देगा। उपभोक्ताओं के लिए आसानियां पीएम मोदी ने बताया कि आज 99 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं पर सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी लगाया जा रहा है। इससे आम लोगों के सपने पूरे करना पहले से अधिक सरल हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों की साझेदारी से यह बड़ा टैक्स सुधार संभव हुआ है। बधाई और शुभकामनाएं प्रधानमंत्री ने देशवासियों को नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधारों और इस बचत उत्सव के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भरोसा जताया कि ये कदम भारत की विकास गाथा को और तेज करेंगे और कारोबारियों को भी राहत देंगे।

LSAM 25 प्रक्षेपण समारोह
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11वां गोला-बारूद सह टारपीडो सह मिसाइल बजरे, LSAM 25 (यार्ड 135) प्रक्षेपण समारोह

11वें गोला-बारूद सह टारपीडो सह मिसाइल बजरे, एलएसएएम 25 (यार्ड 135) के प्रक्षेपण समारोह का 08 सितंबर 2025 को मेसर्स सूर्यदीप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे में आयोजन किया गया। प्रक्षेपण समारोह के मुख्य अतिथि रियर एडमिरल विशाल बिश्नोई, एसीडब्ल्यूपीएंडए थे। 11वें गोला-बारूद-सह-टारपीडो-सह-मिसाइल बजरे के निर्माण का अनुबंध एमएसएमई शिपयार्ड, मेसर्स सूर्यदीप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे के साथ 05 मार्च 21 को संपन्न हुआ। इन बजरों को शिपयार्ड द्वारा क्रमशः एक भारतीय पोत डिजाइन फर्म और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है। समुद्री कौशल  के लिए इस मॉडल का परीक्षण नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) विशाखापत्तनम में किया गया था। शिपयार्ड ने अब तक ग्यारह में से दस बजरे सफलतापूर्वक वितरित किए हैं और भारतीय नौसेना द्वारा अपने परिचालन विकास के लिए इनका प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है। ये बजरे भारत सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।    

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विनिर्माण स्टार्टअप्स को रफ्तार देने ज़ेप्टो के साथ समझौता

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने अपने ‘ज़ेप्टो नोवा’ इनोवेशन चैलेंज के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र में प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप्स को समर्थन और विस्तार देने के लिए ज़ेप्टो प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग का उद्देश्य छह महीने के एकाग्र कार्यक्रम के माध्यम से स्टार्टअप्स की खोज और उनका मार्गदर्शन करना है। यह कार्यक्रम हार्डवेयर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, पैकेजिंग और दीर्घकालिक विनिर्माण के क्षेत्रों में तकनीक विकसित करने वाले स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करेगा। वे ज़ेप्टो के वितरण और डिजिटल बुनियादी ढांचे का उपयोग करके प्रोटोटाइप से बाजार तक के लिए तैयार समाधानों का विकास कर सकेंगे। उपस्थिति का विस्तार करने के लिए मंच यह साझेदारी विशेषज्ञों के नेतृत्व में होने वाली कार्यशालाओं और स्टार्टअप इंडिया सहयोग के माध्यम से महिलाओं की मुख्य भूमिका वाले और टियर दो/तीन के स्टार्टअप्स पर ध्यान केंद्रित करके उन्हें मार्गदर्शन और क्षमता निर्माण के संबंध में सहायता प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त ज़ेप्टो अपनी आपूर्ति श्रृंखला में 100 से अधिक भारतीय स्टार्टअप्स को जोड़ेगा जिससे उन्हें उत्पादों को प्रदर्शित करने, बाजार तक पहुंच प्राप्त करने और अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए मंच मिलेगा। यूनिकॉर्न का समर्थन डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री संजीव ने इस अवसर पर कहा कि यूनिकॉर्न का समर्थन स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के सबसे प्रभावशाली तरीकों में से एक है जो उन्हें सफल उद्यमों की यात्रा के बारे में जानकर सीखने में सक्षम बनाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अनुकूल परिवेश में योगदान देना यूनिकॉर्न के लिए न केवल एक अवसर है बल्कि एक ज़िम्मेदारी भी है। स्टार्टअप्स के विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि बाज़ार तक पहुंच उनकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण कारक बनी हुई है। साझेदारी को बढ़ावा देने के प्रयास समझौता ज्ञापन पर डीपीआईआईटी के निदेशक डॉ. सुमीत जारंगल और ज़ेप्टो के सह-संस्थापक श्री कैवल्य वोहरा ने हस्ताक्षर किए। ज़ेप्टो के सह-संस्थापक श्री कैवल्य वोहरा ने कहा कि डीपीआईआईटी के साथ साझेदारी ज़ेप्टो नोवा कार्यक्रम के माध्यम से विनिर्माण के बेहतर भविष्य को साकार करने में स्टार्टअप्स की सहायता करेगी। यह समझौता ज्ञापन डीपीआईआईटी की साझेदारी को बढ़ावा देने के प्रयासों का भाग है जो तीव्र गति से नवाचार, समावेशी आर्थिक विकास और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण को सक्षम बनाएगा।  

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एनडीए मुख्यमंत्रियों की बैठक में “ऑपरेशन सिंदूर” और जातिगत जनगणना पर चर्चा, पीएम मोदी बोले – हर हाशिए पर खड़े व्यक्ति को विकास की धारा से जोड़ना लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित किया। इस उच्चस्तरीय बैठक में देशभर से 19 मुख्यमंत्री और इतने ही उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता, जातिगत जनगणना, सुशासन, और विकास के सर्वोत्तम मॉडल जैसे अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। पीएम मोदी ने “ऑपरेशन सिंदूर” को बताया आत्मनिर्भर भारत की मिसाल प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य सफलता नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी रक्षा तकनीक पर बढ़ते विश्वास का प्रमाण है।” उन्होंने इसे भारत की सैन्य क्षमताओं और दृढ़ नेतृत्व की मिसाल बताते हुए कहा कि यह उन आतंकियों और उनके समर्थकों को करारा जवाब है, जो भारत की अखंडता को चुनौती देते हैं। जातिगत जनगणना पर दिया स्पष्ट संकेत पीएम मोदी ने सम्मेलन में यह भी स्पष्ट किया कि जातिगत जनगणना को लेकर सरकार का नजरिया राजनीतिक नहीं, बल्कि समावेशी विकास पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, “हमारा मॉडल जाति आधारित राजनीति का नहीं, बल्कि हर वर्ग के पिछड़े तबकों को विकास की मुख्यधारा में लाने का है।” इस विषय पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कहा कि “एनडीए जाति की राजनीति में विश्वास नहीं करता, लेकिन जातिगत आंकड़े विकास की नीतियों को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेंगे।” सम्मेलन में पारित हुआ प्रस्ताव बैठक के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता को रेखांकित करते हुए प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने समर्थन दिया। प्रस्ताव में भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा गया कि ऑपरेशन सिंदूर ने देशवासियों में आत्मविश्वास बढ़ाया है और सुरक्षा बलों के मनोबल को ऊंचा किया है। बैठक के प्रमुख बिंदु: 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। एनडीए शासित राज्यों की ‘बेस्ट प्रैक्टिसेज’ साझा की गईं। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर सुशासन और पारदर्शिता पर चर्चा हुई। पवन कल्याण, नायब सैनी, भजनलाल शर्मा, एकनाथ शिंदे सहित अन्य नेताओं ने राज्य स्तरीय योजनाओं की प्रस्तुति दी।  

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