NCR में बिल्डर-बैंक गठजोड़ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, CBI को दी जांच की जिम्मेदारी — सुपरटेक सहित कई बिल्डरों पर शिकंजा

By Hindustan Uday

🕒 Published 3 months ago (10:31 AM)

नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में घर खरीदने वालों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम और गाजियाबाद जैसे इलाकों में चल रही बिल्डर परियोजनाओं की CBI से जांच कराने का आदेश दिया है। यह जांच सुपरटेक समेत उन सभी बिल्डरों पर होगी जिनकी परियोजनाएं दिल्ली-एनसीआर से लेकर मुंबई, मोहाली और चंडीगढ़ तक फैली हैं।

कोर्ट ने बिल्डर और बैंकों के बीच “अपवित्र गठजोड़” का हवाला देते हुए कहा कि इससे हजारों होम बायर्स को आर्थिक और मानसिक रूप से नुकसान हुआ है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने इसे गंभीर मामला मानते हुए CBI को 7 प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी (PE) दर्ज करने और SIT गठन का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की प्रमुख बातें:

  • बिल्डर-बैंक गठजोड़ की जांच CBI को सौंपी गई
  • सुपरटेक सहित कई बिल्डरों के खिलाफ प्राथमिक जांच होगी
  • CBI निदेशक बनाएंगे SIT, हर महीने SC करेगा सुनवाई
  • यूपी और हरियाणा के DGP देंगे CBI को अफसर और पुलिस बल
  • सुपरटेक के 6 शहरों में 21 प्रोजेक्ट, 800 से ज्यादा परेशान खरीदार

पुलिस बल की तैनाती के आदेश:
CBI को सहयोग देने के लिए यूपी से 12 और हरियाणा से 5 डीएसपी, यूपी से 20 और हरियाणा से 7 इंस्पेक्टर, और 30+10 हेड कांस्टेबल/कॉन्स्टेबल, जिनमें महिला कर्मी भी शामिल होंगी, शॉर्टलिस्ट किए जाएंगे।

EMI योजना और धोखाधड़ी का खुलासा:
कोर्ट ने कहा कि बिल्डरों ने 2013-15 में प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिए लेकिन 2018-19 तक EMI का भुगतान करना बंद कर दिया। जबकि प्रोजेक्ट अभी तक अधूरे हैं, बैंकों ने जबरन घर खरीदारों से वसूली शुरू कर दी, जो न्यायसंगत नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट की इस पहल से उन हजारों होम बायर्स को उम्मीद की नई किरण मिली है, जो अधूरे घरों और लोन के बोझ के बीच फंसे हुए हैं। अब CBI की जांच से बिल्डर-बैंक गठजोड़ की परतें खुलेंगी और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की उम्मीद बढ़ गई है।

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