नई दिल्ली: वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (16 अप्रैल) से सुनवाई शुरू हो गई है। शीर्ष अदालत ने फिलहाल कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन केंद्र सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कानून की कई धाराओं पर सवाल उठाए और कहा कि यह मुस्लिमों के मौलिक अधिकारों का हनन करता है।
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“वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की एंट्री पर आपत्ति”
कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि पहले वक्फ बोर्ड और काउंसिल में केवल मुस्लिम सदस्य होते थे, लेकिन नए संशोधन के बाद गैर-मुस्लिमों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, “यह मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप है। अनुच्छेद 26 के तहत धार्मिक संस्थाओं का प्रबंधन उसी समुदाय के लोगों के हाथ में होना चाहिए।”
इस पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि नए कानून में केवल 2 पदेन सदस्य ही गैर-मुस्लिम हो सकते हैं। लेकिन सिब्बल ने दावा किया कि 22 सदस्यीय बोर्ड में केवल 10 मुस्लिम सदस्य होंगे, जो अनुचित है।
“300 साल पुरानी संपत्ति के लिए वक्फ डीड कैसे जुटाएंगे?”
सिब्बल ने नए कानून की धारा 3R पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब कोई संपत्ति तभी वक्फ मानी जाएगी, जब उसकी वक्फ डीड (दस्तावेज) मौजूद हो। उन्होंने पूछा, “कई वक्फ संपत्तियां 300 साल पुरानी हैं, उनकी डीड कहां से लाएंगे? यह व्यावहारिक नहीं है।”
इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि यह प्रावधान फर्जी दावों को रोकने के लिए है। लेकिन सिब्बल ने जवाब दिया कि “वक्फ बाई यूजर” (परंपरा से चली आ रही वक्फ संपत्ति) की अवधारणा को खत्म कर दिया गया है, जैसा कि अयोध्या मामले में देखा गया।
“कलेक्टर को नहीं होना चाहिए जज की भूमिका”
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कलेक्टर की भूमिका पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि नए कानून के तहत कलेक्टर तय करेगा कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं, जो “अपने मामले में जज बनने जैसा है।” उन्होंने इसे संविधान के विरुद्ध बताया।
“धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत लागू होना चाहिए”
सिब्बल ने कहा कि यह कानून मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप करता है। CJI ने जवाब दिया कि “हिंदू उत्तराधिकार कानून भी संसद ने बनाया है। धर्मनिरपेक्ष देश में सभी पर समान कानून लागू होने चाहिए।”
क्या है विवाद?
- नए कानून के तहत वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान।
- वक्फ संपत्ति को मान्यता देने के लिए डीड अनिवार्य करना।
- कलेक्टर को वक्फ संपत्ति का निर्धारण करने का अधिकार।


