सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का बड़ा फैसला: तेज रफ्तार और स्टंट में मौत पर नहीं मिलेगा बीमा मुआवजा

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By Sunita Singh

🕒 Published 1 month ago (12:18 PM)

नई दिल्ली,  judgement on rash driving सुप्रीम कोर्ट का एक्सीडेंट में मौतों पर ऐतिहासिक फैसला, कैसे और किस पर पड़ेगा प्रभाव । चलिए जानते है अभी हाल में दिए एक अहम् फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि अगर किसी चालक की अपनी लापरवाही या तेज रफ्तार की वजह से स्टंट करते हुए या गलत तरीके से गाड़ी चलाते हुए मर जाता है, बीमा कंपनियां उसके परिवार को मुआवजा देने के लिए मजबूर नहीं होगी ।

मुआवजे की मांग को खारिज

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला रफ्तार के शौकीनों और स्टंट से लोगों का ध्यान खींचने वालों के लिए सख्त संदेश माना जा रहा है। न्यायमूर्ति पी.एस.नरसिम्हा और आर. महादेवन की बेंच ने एक मामले में मृतक की पत्नी, बेटे और माता-पिता की मुआवजे की मांग को खारिज कर दिया । (judgement on rash driving) पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में मुआवजे की मांगें खारिज की हैं।

क्या था मामला

कोर्ट ने जिस मामले में यह फैसला दिया है कि वह 2014 का है । एक व्यक्ति रविश जो अपनी कार से कर्नाटक के मल्लासांद्रा गांव से अरसीकेरे शहर जा रहे थे । उनके साथ उनके पिता बहन के बच्चे थे । रविश ने गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और गाड़ी पलट गई । इस हादसे में रविश बुरी तरह चोटिल हो गए जिससे बाद में उनकी मौत हो गई ।

कोर्ट ने क्या कहा?

रविश की मौत के बाद के परिवार ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से 80 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी । परिवार का दावा था कि बतौर ठेकेदार रविश हर महीने 3 लाख रुपये कमाते थे । लेकिन पुलिस की चार्जशीट में साफ कहा गया कि हादसा रविश की लापरवाही और तेज रफ्तार के कारण हुआ । मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल ने परिवार की मांग को खारिज कर दिया था। कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी 23 नवंबर 2024 को परिवार की अपील को ठुकराते हुए कहा कि जब हादसा मृतक की अपनी गलती से होता है, तो परिवार बीमा मुआवजा नहीं मांग सकता।

SC ने खारिज की याचिका ( judgement on rash driving)

हाई कोर्ट ने कहा कि परिवार को यह साबित करना होगा कि हादसा मृतक की गलती से नहीं हुआ और वो बीमा पॉलिसी के दायरे में था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस फैसले को सही ठहराया और परिवार की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने साफ किया कि अगर मौत ड्राइवर की अपनी गलती से हुई हो और इसमें कोई बाहरी कारण शामिल न हो, तो बीमा कंपनी मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं है. यह फैसला सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों को सबक सिखाने के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

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