स्ट्रेस हार्मोन बढ़ाने वाले इन खतरनाक फूड्स से रहें दूर, वरना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य हो सकता है खराब

By Ankit Kumar

🕒 Published 4 months ago (6:00 AM)

हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर जब बढ़ता है, तो इसका सीधा असर हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। कोर्टिसोल को ‘स्ट्रेस हार्मोन’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह तनाव के दौरान शरीर में सक्रिय होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खाद्य पदार्थों का ज्यादा सेवन कोर्टिसोल के स्तर को असंतुलित कर सकता है? इसका नतीजा यह होता है कि हम मानसिक रूप से तनावग्रस्त, चिड़चिड़े और उदास महसूस करने लगते हैं।

कई बार हम बिना किसी वजह के अचानक उदास या परेशान महसूस करने लगते हैं। ऐसा सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण ही नहीं, बल्कि हमारी खान-पान की आदतों की वजह से भी हो सकता है। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि कौन-से फूड आइटम्स हमारे मूड पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

आइए जानते हैं कि किन चीजों का ज्यादा सेवन करने से हमारा मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

1. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट: अचानक एनर्जी बढ़ाने और फिर गिराने वाले फूड्स

 

रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे ब्रेड, पास्ता, बेकरी प्रोडक्ट्स आदि तेजी से शरीर में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते हैं। इससे शरीर को तात्कालिक ऊर्जा मिलती है, लेकिन कुछ समय बाद ब्लड शुगर अचानक गिर जाता है। इस प्रक्रिया से थकान, चिड़चिड़ापन और तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

अगर आप अक्सर दिनभर सुस्ती महसूस करते हैं या बार-बार खाने की इच्छा होती है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल तेजी से ऊपर-नीचे हो रहा है।

2. मीठे खाद्य पदार्थ और शुगर ड्रिंक्स: छिपे हुए खतरे

जब हम ज्यादा मीठा खाते हैं, तो यह न सिर्फ हमारी बॉडी पर बल्कि हमारे दिमाग पर भी असर डालता है। ज्यादा शुगर लेने से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता और गिरता है, जिससे मानसिक अस्थिरता महसूस होती है। यही कारण है कि अत्यधिक मीठे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ (जैसे सोडा, पैकेज्ड जूस, कैंडी, केक आदि) अवसाद और तनाव को बढ़ा सकते हैं।

अगर आप ध्यान देंगे, तो पाएंगे कि ज्यादा मीठा खाने के बाद आपको तुरंत एनर्जी मिलती है, लेकिन कुछ समय बाद अचानक सुस्ती और उदासी महसूस होने लगती है। इसलिए शुगर का सेवन सीमित मात्रा में करना बहुत जरूरी है।

3. प्रोसेस्ड और जंक फूड: मानसिक सेहत के लिए धीमा जहर

प्रोसेस्ड और जंक फूड में अधिक मात्रा में ट्रांस फैट, सोडियम और एडेड शुगर होती है। यह न केवल शरीर में सूजन को बढ़ाता है, बल्कि तनाव, चिंता और डिप्रेशन को भी ट्रिगर कर सकता है।

अगर आप अक्सर पिज्जा, बर्गर, चिप्स या इंस्टेंट नूडल्स जैसे प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, तो यह आपके मूड स्विंग का कारण बन सकता है।

 

4. अनहेल्दी फैट्स: आपके दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व

कुछ फूड्स में अनहेल्दी फैट्स पाए जाते हैं, जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकते हैं। पिज्जा, बर्गर, डीप फ्राइड स्नैक्स आदि में मौजूद ये फैट्स ब्रेन फंक्शन को प्रभावित कर सकते हैं।

अगर आप बार-बार मूड स्विंग, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या मानसिक थकान महसूस कर रहे हैं, तो अपने खाने की आदतों की समीक्षा करें। अनहेल्दी फैट्स का अधिक सेवन आपके ब्रेन हेल्थ को धीमे-धीमे नुकसान पहुंचा सकता है।

5. कैफीन: तात्कालिक ऊर्जा लेकिन दीर्घकालिक नुकसान

कॉफी, चाय और एनर्जी ड्रिंक्स में मौजूद कैफीन हमें तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है, लेकिन जब इसका असर खत्म होता है, तो यह शरीर में थकान, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग का कारण बन सकता है।

कैफीन के अधिक सेवन से नींद की समस्या, तनाव और बेचैनी बढ़ सकती है। अगर आप ध्यान देंगे, तो पाएंगे कि ज्यादा कैफीन लेने से शरीर में एक अस्थायी उत्तेजना आती है, लेकिन जब इसका असर खत्म होता है, तो हम पहले से ज्यादा थका हुआ महसूस करते हैं।

क्या करें?

अगर आप इन समस्याओं से बचना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में कुछ बदलाव करना जरूरी है:

  1. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट की जगह होल ग्रेन्स को शामिल करें, जैसे कि ओट्स, ब्राउन राइस और मल्टीग्रेन ब्रेड।
  2. ज्यादा मीठा खाने से बचें, खासकर प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड्स।
  3. फ्रेश फूड को प्राथमिकता दें और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें।
  4. हेल्दी फैट्स जैसे नट्स, बीज, एवोकाडो और ओमेगा-3 फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें।
  5. कैफीन का सेवन सीमित करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

हमारा खाना न केवल हमारे शरीर को बल्कि हमारे दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि हम संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का चुनाव करें, ताकि हमारा शरीर और दिमाग दोनों स्वस्थ रहें।

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